UPSSSC PET Hindi passage Practice Set 5: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष यूपी पेट परीक्षा का आयोजन किया जाता है जो भी उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के हैं या किसी अन्य राज्य के हैं और वह उम्मीदवार यूपीट्रिपलएससी आयोग द्वारा जारी होने वाली भर्तियों में भाग लेना चाहते हैं तो उनको UPSSSC PET Exam 2022 परीक्षा पास करना अनिवार्य है क्योंकि यह परीक्षा एक प्री परीक्षा है इसी परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर मेंस परीक्षा आयोजित की जाएगी, इस लेख के जरिये आप PET Practice Set in Hindi को प्राप्त कर सकतें हैं और साथ ही अन्य परीक्षा के Practice Set प्राप्त करने के लिए क्लिक करें।
UP PET EXAM में हिंदी भाषा के 2 पैसेज यानी कि गद्यांश से कुल 10 प्रश्न पूछें जाते हैं इसलिए हम आपके परीक्षा में 10 अंक पक्के करने के लिए हिंदी पैसेज संबंधित प्रश्न लेकर आते है जिससे कि आप अपनी तैयारी भी जांच सके और अपनी तैयारी को सुधार सकें।
इस परीक्षा के प्राप्त अंको के आधार पर आने वाली भर्तियों में मेरिट बनाकर मेंस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है इसलिए आप UPSSSC PET Exam की तैयारी बढ़िया तरीके से करें तथा परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर, मेंस परीक्षा के लिए योग्य रहे और PET Practice Set Online लगाते रहे, इस लिए हम आपके लिए up pet Exam में पूछें गए UPSSSC PET Hindi Practice Set के महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आये है जिसको आप हल करके अपनी तैयारी जाँच सकते हैं।
UPSSSC PET Hindi Passage Practice Set 5
गद्यांश 1:- गाँधीजी सत्य और अहिंसा को जीवन में सर्वाधिक महत्त्व देते थे, सत्याग्रह व असहयोग आन्दोलन द्वारा , उन्होंने अंग्रेजों का मुकाबला किया। गाँधीजी सब मनुष्यों को समान मानते थे। धर्म, जाति, सम्प्रदाय, रंग आदि के आधार पर होने वाले भेदभाव को वे मानवता का कलंक मानते थे। वे आर्थिक असमानता को भी मिटा डालना चाहते थे। वे वर्गविहीन,जातिविहीन समाज में विश्वास रखते थे। सामाजिक न्याय शारीरिक श्रम को महत्त्व देते थे। गाँधीजी प्रजातान्त्रिक राज्य को कल्याणकारी मानते थे। गाँधीजी के अनुसार, नैतिक आचरण का जीवन में विशेष स्थान होना चाहिए। सत्य, न्याय, धर्म, अहिंसा, अपरिग्रह, निःस्वार्थ सेवा को मानवता के लिए सच्ची सेवा मानते थे। उनके राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय विचारों में वसुधैव कुटम्बकम का दृष्टिकोण प्रमुख था। उनकी मान्यता थी कि किसी राष्ट्र का समुचित उत्थान अपने परिवार, जाति, गाँव, प्रदेश तथा देश की समस्याओं के सुधार से हो सकता है। स्वयं को सुधारो, सारा विश्व सुधरेगा उनका कहना यही था।
प्रश्न. “शरीर यात्रा के लिए जितना आवश्यक हो उससे अधिक पैसा, अन्न आदि का न लेना” अर्थ को व्यक्त करने वाला शब्द है?
- अपरिचित
- अपरिपक्व
- प्रजातान्त्रिक
- अपरिग्रह
उत्तर – 4
प्रश्न. ‘सत्याग्रह’ में कौन-सी सन्धि है?
- व्यंजन सन्धि
- दीर्घ स्वर सन्धि
- यण स्वर सन्धि
- विसर्ग सन्धि
उत्तर – 2
प्रश्न. ‘अंग्रेजों का मुकाबला किया’ में ‘काल’ है।
- आसन्न भूतकाल
- संभाव्य वर्तमान
- सामान्य भविष्यकाल
- सामान्य भूतकाल
उत्तर – 4
प्रश्न. निम्न में से स्त्रीलिंग कौन-सा है?
- धर्म
- सम्प्रदाय
- रंग
- जाति
उत्तर – 4
प्रश्न. ‘अ’ उपसर्ग है?
- आचरण में
- अन्तर्राष्ट्रीय में
- अहिंसा में
- अनुसार में
उत्तर – 3
गद्यांश 2 :- स्वावलम्बन सफता की कुंजी है। स्वावलम्बी व्यक्ति जीवन में यश और धन दोनों अर्जित करता है। दूसरे के सहारे जीने वाला व्यक्ति तिरस्कार का पात्र बनता है। निरन्तर निरादर और तिरस्कार पाता हुआ, वह अपने आप में हीन भावना से ग्रस्त होने लगता है। जीवन का यह तथ्य व्यक्ति के जीवन पर ही नहीं, वरन् जातीय व राष्ट्र पर भी लागू होता है। यही कारण है कि स्वाधीनता संघर्ष के दौरान गाँधीजी ने देशवासियों में जातीय गौरव का भाव जगाने हेतु स्वावलम्बन का संदेश दिया था। चरखा आन्दोलन और डांडी कूच इस दिशा में गाँधीजी के बड़े प्रभावी कदम सिद्ध हुए। स्वावलम्बन के मार्ग पर चलकर ही व्यक्ति, जाति, समाज अथवा राष्ट्र उत्कर्ष को प्राप्त होते हैं।
प्रश्न. ‘तिरस्कार’ शब्द में कौन-सी सन्धि प्रयुक्त हुई है?
- व्यंजन सन्धि
- विसर्ग सन्धि
- यण सन्धि
- गुण सन्धि
उत्तर – 2
प्रश्न. ‘हीन भावना’ शब्द में कौन-सा समास है?
- कर्मधारय
- अव्ययीभाव
- द्वन्द्व
- बहुव्रीहि
उत्तर – 1
प्रश्न. ‘उत्कर्ष’ का सही विलोम बताइए।
- अपकर्ष
- अपकार
- अपयश
- अवनति
उत्तर – 1
प्रश्न. ‘स्वावलम्बी’ शब्द के लिए प्रयुक्त सही वाक्यांश है?
- स्वयं की इच्छा से सेवा करने वाला
- स्मरण करने योग्य
- जो हर प्रकार से आत्मनिर्भर हो
- बिना संकोच बोलने वाला
उत्तर – 3
प्रश्न. इनमें से विदेशी शब्द बताइए?
- निरन्तर
- दौरान
- राष्ट्र
- व्यक्ति
उत्तर – 2