Namami Gange Yojana 2023 | नमामि गंगे योजना की जानकारी

Namami Gange Yojana 2023 : गंगा नदी भारतीय संस्कृति की प्रमुख धरोहर में से एक है। प्राचीन काल से ही गंगा नदी को गंगा मां की उपाधि दी गई है। प्राचीन काल से ही यह माना जाता है की गंगा नदी में स्नान करने से मनुष्य के पाप धूल जाते है। पिछले कुछ सालो में गंगा नदी प्रदूषित हो चुकी है।

गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए 2014 में भारत सरकार ने Namami Gange Yojana (नमामि गंगे योजना) प्रारंभ की है। इस योजना के तहत गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों को स्वच्छ एवम् अविरल करने का उद्देश्य रखा गया है। इस लेख में हम आपको Namami Gange Yojana से जुड़ी सभी जानकारी विस्तार पूर्वक बताएंगे।

यदि आप नमामि गंगे योजना की सम्पूर्ण जानकारी लेना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा पढ़े क्योकि इस पोस्ट के माध्यम से हम नमामि गंगे योजना के लाभ, सफलता, कार्य करने की क्षमता नमामि गंगे योजना के अंतर्गत आने वाले राज्य के नाम एवं अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारी जो नमामि गंगे योजना सम्बंधित हैं।

Namami Gange Yojana

नमामि गंगे योजना की संक्षिप्त जानकारी

योजना का नामनमामि गंगे योजना
लेख कैटेगरीSarkari Yojana
योजना की घोषणा कब हुईजून 2014
मंत्रालय जलशक्ति मंत्रालय
योजना की घोषणाअरुण जेटली
उद्देश्य गंगा और इसकी सहायक नदी की स्वच्छता
लाभ40 फीसद भारतीयों को स्वच्छ वातावरण व स्वच्छ जल
प्रथम चरण बजट(2014)2,000 करोड़ रूपये
द्वितीय चरण बजट(2022)22,500 करोड़ रुपए
प्रभावित प्रमुख राज्यउत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड
विदेशी सहयोग जर्मनी और विश्व बैंक
प्रमुख मिशन NMCG ,SMCGs etc
अधिकारिक वेबसाइटnmcg.nic.in
Namami Gange Yojna (नमामि गंगे योजना)

महत्वपूर्ण लेख

Namami Gange Yojana – नमामि गंगे योजना मिशन

भारत सरकार द्वारा गंगा और इसकी सहायक नदियों की सफाई और जीर्णोद्धार के लिए Namami Gange Yojna शुरू की गई है जिसके तहत गंदे पानी को नदी में जाने से रोकना गंगा नदी के उत्थान गोमुख से लेकर पश्चिम बंगाल तक के घाटों को स्वच्छ बनाना।

गंगा नदी की सफाई का यह पहला प्रयास नहीं है इससे पहले 1985 कांग्रेस की सरकार के समय तात्कालिक प्रधानमन्त्री राजीव गांधी ने “गंगा एक्शन प्लान” के तहत गंगा नदी की सफाई का का अभियान शुरू किया लेकिन बजट के अभाव में यह अभियान सफल नहीं हो सका। गंगा एक्शन प्लान में बीस सालो में केवल 1200 करोड़ रुपए खर्च हुए।

एकीकृत गंगा सरंक्षण मिशन integreted conservation mission की शुरुआत जून 2014 में हुई जिसका लक्ष्य गंगा और इसकी सहायक नदीयो को पुनर्जीवित और स्वच्छ करना है। जिसके लिए केंद्र सरकार ने 20,000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया। यह योजना पूर्ण रूप से केंद्र की है। इसी योजना के लिए जलशक्ति नाम का एक नया मंत्रालय बनाया गया जिसकी प्रथम केंद्रीय मंत्री उमा भारती को बनाया गया।

नमामि गंगे योजना का उद्देश्य

गंगा और इसकी सहायक नदियों को स्वच्छ और अविरल करने के उद्देश्य से 2014 में केंद्र सरकार ने नमामि गंगे योजना प्रारंभ की।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सांसद चुने जाने के बाद प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने कहा की ” मां गंगा की सेवा करना मेरी नियति है”।

प्रमुख उद्देश्य

  • नमामि गंगे योजना के गतिविधियों को आयोजित करने के लिए स्थानीय लोगो को प्रशिक्षित और प्रेरित करना और युवाओं का कैडर बनाना।
  • इस योजना के गुणवत्ता और पारदर्शिता और लोक लेखा के लिए विभिन्न स्तर पर कमेटी बनाना।
  • गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए स्थानीय युवाओं को सक्रिय और प्रेरित करना।
  • गंगा नदी की स्वच्छता के लिए केंद्र की अन्य स्वच्छता से जुड़ी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत, शौचालय निर्माण, जल प्रबंधन आदि कार्यक्रमों को आम जनता और नदी के किनारे बसे लोगो को बताना।

नमामि गंगे प्रोजेक्ट को तीन स्तरों में विभाजित किया गया है:

  • प्रथम स्तर–तात्कालिक प्रभाव से मुक्ति गंगा नदी में गिरने वाले नालों को के पानी का ट्रीटमेंट, घाटों का सौंदर्यीकरण, नदी के तल की सफाई और ग्रामीण स्वच्छ करना।
  • द्वितीय स्तर–यह पांच वर्षो की गतिविधियों पर नजर रखेगी जैसे नगर निगम और नगरपालिकाओं के सीवेज क्षमता बढ़ाने, कचरे की समस्या का निवारण और वृक्षारोपण आदि
  • तृतीय स्तर– यह दीर्घकालिक सीमा के लिए लागू किया जाएगा जिसके अंतर्गत नदी के प्रवाह को सुनिश्चित करना, बेहतर जल उपयोग करना, सिंचाई की क्षमता बढ़ाने आदि कार्यों पर जोर दिया गया।

Namami Gange Yojana के लिए प्रस्तुत बजट

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में न्यूयार्क के मेडिसन स्क्वायर में भारतीय मूल के नागरिकों को संबोधित करते कहा की अगर हम गंगा नदी को साफ करने में सक्षम है तो यह देश की 40 फीसद आबादी के लिए एक बड़ी मदद होगी। इसलिए गंगा की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है।

2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा की सफाई पर काफी जोर दिया और 20,000 करोड़ रुपए का केंद्रीय बजट भी गंगा की सफाई के लिए दिया। जिसका लक्ष्य 2019 तक निर्धारित किया गया।

जिसके तहत अनेक कार्य हुए जिससे गंगा स्वच्छ हो सके लेकिन गंगा और इसकी सहायक नदियों को स्वच्छ करना इतना आसान काम भी नही है लेकिन केंद्र सरकार गंगा नदी की सफाई के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है इसी क्रम में केंद्र सरकार ने 2022 गंगा नदी की स्वच्छता के लिए 22,500 करोड़ रुपए का दूसरा बजट प्रस्तुत किया जिसका लक्ष्य 2026 तक पूरा किया जाएगा।

Namami Gange Yojana प्रोजेक्ट के अंर्तगत आने वाले राज्य

  • उत्तराखंड
  • उत्तर प्रदेश
  • बिहार
  • झारखंड
  • पश्चिम बंगाल

Namami Gange Yojana में विदेशी सहयोग

गंगा नदी की सफाई लिए भारत सरकार ने जर्मन सरकार से हाथ मिलाया क्योंकि यूरोप के सबसे गंदी नदी राइन को जर्मनी ने साफ करके एक उदाहरण दिया था। 2017 में जर्मनी के राजदूत और उत्तराखंड के तात्कालिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच गंगा नदी की सफाई के लिए 900 करोड़ रुपए के समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।

विश्व बैंक ने भी गंगा और इसकी सहायक नदियों की सफाई के लिए प्रथम चरण में 4535 करोड़ रुपए की धनराशि 2021 तक के लिए दिए।

गंगा नदी की सफाई के लिए प्रमुख मिशन

  • गंगा एक्शन प्लान (Ganga Action Plan) – गंगा एक्शन प्लान 1986 में लाया गया जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा नदी सफाई था लेकिन बजट के अभाव के कारण यह मिशन सफल नहीं हो सका।
  • National River conservation plan – इस प्लान का उद्देश्य भारत की सभी नदियों को स्वच्छ करना। यह गंगा एक्शन प्लान का बृहत रूप था
  • नेशनल रिवर गंगा बेसिन अथॉरिटी (NRGBA) – NRGBA की स्थापना पर्यावरण संरक्षण एक्ट 1986 के section –3 के तहत 2009 में किया गया। इसी एक्ट के तहत गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया।
  • Government clean–up compaign :- इस योजना की शुरुआत 2010 में किया गया जिसके अंतर्गत नगरपालिका, नगरनिगम और कारखानों से निकलने वाले सीवेज को ट्रीटमेंट के बाद ही नदी में छोड़ने का निर्देश जारी किया गया
  • नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) :- 2014 में केंद्र सरकार NRGBA को हस्तांतरित करके नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा लांच किया जिसके अंर्तगत गंगा और इसकी सहायक नदियों को स्वच्छ और पुर्नजीवित करने का लक्ष्य रखा गया।
  • स्टेट मिशन फॉर क्लीन गंगा (SMCG) :- NMCG की तर्ज पर गंगा नदी की किनारे स्थित सभी राज्यों में स्टेट मिशन फॉर क्लीन गंगा लांच किया गया जिसके अन्तर्गत 2525 किलोमीटर लंबी गंगा नदी को स्वच्छ करने का उद्देश्य रखा गया हैं।
  • SMCG (Uttarakhand)
  • SMCG (Uttar Pradesh)
  • SMCG (Bihar)
  • SMCG (Jharakhand
  • SMCG (West Bengal)

नमामि गंगे योजना की सफलता

नदी की सतह की स्वछता:- नमामि गंगे योजना के अंतर्गत 11 स्थानों पर नदी की सतह पर और घाटों तैरते ठोस कचरे को सफाई का कार्य शुरू किया गया है।

सिवरेज उपचार क्षमता की वृद्धि – नम्बर ओफ सीवेज प्रबंधक योजनाएं- 64 कार्यान्वित की जा रही हैं। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिमी बंगाल, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान राज्यों में 81 योजनाएं पूरी की जा चुकी हैं।

जैव विविधता :- गंगा नदी की सफाई के साथ ही भारत सरकार जैव विविधता के लिए अनेक ठोस कदम उठा रही है जिसमे NMCG दीर्घकालिक दृष्टिकोण है स्थानिक और लुप्तप्राय जीवों को बहाल करना है। जिसके लिए उच्च जैव विविधता वाले क्षेत्र की पहचान की गई है।

नदी फ्रंट का विकास :- 263 घाटों, श्मशानघाटों, कुंडो तथा तालाबों के निर्माण, आधुनिकीकरण और नवीनीकरण के लिए 64 परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं।

वनारोपण :- वनारोपण जैव विविधता के लिए बहुत ही आवश्यक चीज है। जिसके अंर्तगत पेड़ और जंगलों को उगाकर नदियों के मिट्टी के कटाव को कम किया जा सकता है जिससे नदियों का संरक्षण किया जा सकता है।

Nmcg के तहत वन अनुसंधान संस्थान ने गंगा नदी तट राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 1,34,106 हेक्टेयर क्षेत्र में चार प्रमुख परिदृश्य के तहत कार्य करने की योजना बनाई है- प्राकृतिक परिदृश्य, कृषि परिदृश्य, शहरी परिदृश्य और संरक्षण हस्तक्षेप।

औद्योगिक बहिः स्त्राव निगरानी – Grossly Polluting Industries की संख्या अप्रैल 2019 में 1072 थी। इन प्रदूषणकारी उद्योगों की नियमित जांच से उन्हें निर्धारित पर्यावरण मापदंडों के अनुपालन पर विवश किया है अनुपालन न करने पर 215 तकनीकी संस्थानों को बंद कर दी गई हैं। 110 जीपीआइ के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

जागरूकता :- नमामि गंगे योजना की आम लोगो के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार सम्मेलन, संगोष्ठी और रैलियों का आयोजित किया जा रहा है। गावों में Namami Gange Yojna के जागरूकता के लिए स्थानीय तौर पर युवा कैडरो की नियुक्ति की गई है। टीवी, रेडियो, प्रिंट मीडिया विज्ञापन और विभिन्न प्रकार के लेखों द्वारा Namami Gange Yojna का प्रचार सरकार द्वारा किया जा रहा है।

ग्राम गंगा :- पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने 5 राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के तट पर स्थित 1674 ग्राम पंचायत की है। मिनिस्ट्री ऑफ ड्रिंकिगवाटर एन्ड सैनिटेश ने इन पंचायतों में 578 करोड रुपयों की लागत से 15,27,105 शौचालयो का निर्माण करने का ढांचा बनाया है। आधे से अधिक शोचालयों का निर्माण हो चुका है।

Namami Gange Yojana Contact us

योजना का पता –
National Mission for Clean Ganga Ministry of Jal Shakti (Department of Water Resources,River Development & Ganga Rejuvenation) Government of India 1st Floor, Major Dhyan Chand National Stadium India Gate, New Delhi – 110002
मोबाइल नंबर – +91-11-23072900-901

नमामि गंगे योजना संबंधित प्रश्न

Namami Gange Yojana की शुरूआत कब हुई?

2014

Namami Gange Yojana का बजट कितना है?

22,500 करोङ रुपये

Namami Gange Yojana की शुरुआत किस मंत्रालय के द्वारा हुई?

जलशक्ति मंत्रालय

नमामि गंगे योजना का उद्देश्य?

गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों की सफाई और 40 फीसद भारतीयों को स्वच्छ वातावरण व स्वच्छ जल देना।

Namami Gange Yojana का टोलफ्री नंबर क्या है?

+91-11-23072900-901

Namami Gange Yojana के अंतर्गत आने वाले राज्य कौन-कौन से हैं?

नमामि गंगे योजना के तहत उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल राज्य आते हैं।

नमामि गंगे परियोजना प्रारंभ किसने किया?

अरुण जेटली

नमामि गंगे परियोजना का मुख्यालय कहाँ है

नमामि गंगे परियोजना का मुख्यालय नई दिल्ली है?

नमामि गंगे योजना की अधिकारिक वेबसाइट क्या है?

nmcg.nic.in