UPSSSC PET Passage Practice Set 7: पिछले पेपर पर आधारित गद्यांश सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

UPSSSC PET Passage Practice Set 7: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष यूपी पेट परीक्षा का आयोजन किया जाता है जो भी उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के हैं या किसी अन्य राज्य के हैं और वह उम्मीदवार यूपीट्रिपलएससी आयोग द्वारा जारी होने वाली भर्तियों में भाग लेना चाहते हैं तो उनको UPSSSC PET Exam 2022 परीक्षा पास करना अनिवार्य है क्योंकि यह परीक्षा एक प्री परीक्षा है इसी परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर मेंस परीक्षा आयोजित की जाएगी, इस लेख के जरिये आप PET Practice Set in Hindi को प्राप्त कर सकतें हैं और साथ ही अन्य परीक्षा के Practice Set प्राप्त करने के लिए क्लिक करें।

UP PET EXAM में हिंदी भाषा के 2 पैसेज यानी कि गद्यांश से कुल 10 प्रश्न पूछें जाते हैं इसलिए हम आपके परीक्षा में 10 अंक पक्के करने के लिए हिंदी पैसेज संबंधित प्रश्न लेकर आते है जिससे कि आप अपनी तैयारी भी जांच सके और अपनी तैयारी को सुधार सकें।

इस परीक्षा के प्राप्त अंको के आधार पर आने वाली भर्तियों में मेरिट बनाकर मेंस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है इसलिए आप UPSSSC PET Exam की तैयारी बढ़िया तरीके से करें तथा परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर, मेंस परीक्षा के लिए योग्य रहे और PET Practice Set Online लगाते रहे, इस लिए हम आपके लिए up pet Exam में पूछें गए UPSSSC PET Practice Set 5 के महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आये है जिसको आप हल करके अपनी तैयारी जाँच सकते हैं।

UPSSSC PET Hindi Passage Practice Set 7

UPSSSC PET Passage Practice Set 7

गद्यांश 1:- कन्याकुमारी एक सुन्दर स्थल है। यह तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है, दक्षिण में विशाल हिन्द महासागर है, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर देश के अनेक भागों से तीर्थयात्री यहाँ तीन समुद्रों के संगम स्थल में स्नान करने और मन्दिर में पूजा करने के लिए आते हैं। कन्याकुमारी के तीनों ओर का समुद्र सामान्यतः शान्त रहता है। अनेक दर्शनार्थियों ने महसूस किया है कि इस स्थान पर सदा एक विशेष प्रकार की शान्ति एवं नीरवता छाई रहती है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त का काल इस स्थल के सौन्दर्य का आनन्द लेने के लिए सर्वश्रेष्ठ क्षण हैं। प्रातः काल बंगाल की खाड़ी से उदय होकर सूर्य सायंकाल अरब सागर में डूब जाता है। वास्तव में, समस्त भारत में यही एक स्थल है जहाँ सूर्य को समुद्र से समुद्र में ही डूबते हुए देखा जा सकता है। पूर्णिमा पर अनेक दर्शनार्थी उदय होकर कन्याकुमारी आते हैं। वे एक ही समय में सूर्य को अरब सागर में डूबते और चन्द्रमा को बंगाल की खाड़ी से उदित होते हुए देख सकते हैं। वे दोनों ही आग के दो गोले से प्रतीत होते हैं।

प्रश्न. कन्याकुमारी एक सुन्दर स्थल है, क्योंकि

  1. यहाँ अनेक तीर्थयात्री आते हैं
  2. यह तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है
  3. इसके हर तरफ का समुद्र अति शान्त है।
  4. तीर्थयात्री समुद्र में स्नान कर सकते हैं।

उत्तर – 2

प्रश्न. कन्याकुमारी में सूर्योदय पूर्व में

  1. हिन्द महासागर से होता है।
  2. अरब सागर से होता है
  3. प्रशान्त महासागर से होता है।
  4. बंगाल की खाड़ी से होता है।

उत्तर – 4

प्रश्न. भारत में केवल कन्याकुमारी ही ऐसा स्थल है, जो से है

  1. सब तरफ समुद्र से घिरा हुआ है।
  2. जहाँ लोग समुद्र में स्नान करने आते हैं।
  3. जहाँ सूर्य को समुद्र से उदित होकर समुद्र में ही डूबते हुए देखा जा सकता है।
  4. जहाँ लोग मन्दिर में पूजा करने आते हैं

उत्तर – 3

प्रश्न. कन्याकुमारी के सौन्दर्य का आनन्द लेने का सबसे अच्छा समय कौन-सा है ?

  1. सूर्योदय एवं सूर्यास्त का समय
  2. केवल सूर्यास्त का समय
  3. केवल सूर्योदय का समय
  4. दिन का समय

उत्तर – 1

प्रश्न. कन्याकुमारी में पूर्णिमा के दिन हम एक ही समय में आग के दो गोलों को देख सकते हैं। इसका अर्थ है कि हम

  1. प्रातः काल सूर्योदय एवं सायंकाल सूर्यास्त देख सकते हैं
  2. एक ही समय में पश्चिम में सूर्यास्त एवं पूर्व में चन्द्रोदय देख सकते हैं।
  3. प्रातःकाल सूर्योदय एवं सायंकाल चन्द्रोदय देख सकते हैं
  4. एक ही समय में सूर्यास्त एवं सूर्योदय देख सकते हैं

उतर – 2

गद्यांश 2 :- मरुस्थलों में बहुत-सा पशु जीवन प्राप्त होता है। रात में रेगिस्तानी छिपकलियाँ अपने छिद्रों से बाहर निकलती हैं। अनेक प्रकार के जहरीले साँप, बिच्छू, लोमड़ियाँ, कीड़े-मकोड़े और पक्षी प्राप्त होते हैं। सहारा, अरब और थार के मरुस्थलों में अपना सामान एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में ऊँटों का उपयोग स्थानीय लोगों के द्वारा किया जाता है। ऊँट, जिसे ‘मरुस्थल का जहाज’ भी कहा जाता है, बालू में मीलों चल सकता है। इसकी आँखों की बरौनियाँ लंबी होती हैं और यह अपने नाक के छिद्रों को बंद रख सकता है। इससे यह रेत से अपनी आँखों और नाक को बचा सकता है। इसके पैर सपाट और गद्देदार होते हैं और पीठ पर एक या दो कूबड़ होते हैं। ऊँट एक बार में अनेक लीटर पानी पी सकता है और उसके बाद एक सप्ताह से अधिक तक बिना पानी के चल सकता है। मरुस्थल के निवासियों के लिए ऊंट अपरिहार्य है।

प्रश्न. ऊँट एक सप्ताह से अधिक तक बिना पानी पिए चल सकता है, क्योंकि

  1. यह रेत में मीलों चल सकता है।
  2. इसके एक या दो कूबड़ होते हैं।
  3. इसके पैर गद्देदार होते हैं।
  4. यह एक बार में अनेक लीटर पानी पी सकता है।

उत्तर – 2

प्रश्न. पैरा में ‘अपरिहार्य’ शब्द का अर्थ ?

  1. अनावश्यक
  2. सार्थक
  3. महत्त्वपूर्ण
  4. आवश्यक

उत्तर – 3

प्रश्न. ऊँट अपनी नाक और आँखें को रेत से कैसे बचाता है?

  1. गद्देदार पैर होने से
  2. लम्बी बरौनियों और नाक बंद रखने की क्षमता से ।
  3. पीठ पर एक या दो कूबड़ होने से।
  4. हफ्तों तक बिना पानी के जीवित रहने से।

उत्तर – 2

प्रश्न. इस अनुच्छेद के लिए सबसे उपयुक्त शीर्षक कौन-सा है?

  1. मरुस्थल में जीवन
  2. मरुस्थल में रात्रि – जीवन
  3. मरुस्थल का जहाज ऊँट
  4. मरुस्थलों में ऊँट का उपयोग

उत्तर – 3

प्रश्न. रात में अपने छिद्रों से कौन-सा पशु बाहर निकलता है?

  1. रेगिस्तानी छिपकलियाँ
  2. जहरीले साँप
  3. कीड़े-मकोड़े
  4. लोमड़ियाँ

उत्तर – 1