UPSSSC PET Passage Practice Set 12 | यूपी पेट गद्यांश के महत्वपूर्ण प्रश्न

UPSSSC PET Passage Practice Set 12: UPSSSC आयोग द्वारा PET 2022 की प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा (Preliminary Eligibility Test) 2022 की लिखित परीक्षा को अपने निर्धारित समय पर कराने का निर्णय लिया गया है जिसके लिए UPSSSC PET Admit Card जारी कर दिए गए हैं, जो भी उम्मीदवार UPSSSC PET Exam 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन किए हैं उनकी परीक्षा दिनांक 15 व 16 अक्टूबर 2022 को प्रत्येक दिन दो पालियों (प्रथम पाली 10:00 AM to 12:00 PM. एवं द्वितीय पाली 03:00 PM to 05:00 PM.) में प्रदेश के समस्त जनपदों में आयोजित की जाएगी।

जो UPSSSC आयोग द्वारा जारी होने वाली भर्तियों में भाग लेना चाहते हैं तो उनको UPSSSC PET Exam 2022 परीक्षा पास करना अनिवार्य है क्योंकि यह परीक्षा एक प्री परीक्षा है इसी परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर मेंस परीक्षा आयोजित की जाएगी, इस लेख के जरिये आप PET Practice Set in Hindi को प्राप्त कर सकतें हैं और साथ ही अन्य परीक्षा के Practice Set प्राप्त करने के लिए क्लिक करें।

PET Passage Practice Set 12

UP PET EXAM में हिंदी भाषा के 2 पैसेज यानी कि गद्यांश से कुल 10 प्रश्न पूछें जाते हैं इसलिए हम आपके परीक्षा में 10 अंक पक्के करने के लिए हिंदी पैसेज संबंधित प्रश्न लेकर आते है जिससे कि आप अपनी तैयारी भी जांच सके और अपनी तैयारी को सुधार सकें।

UPSSSC PET Passage Practice Set 12

गद्यांश 1:- अतीत काल में लोग स्वस्थ हुआ करते थे। वे घर में अपने परिवार के साथ ताजा और पौष्टिक भोजन किया करते थे। आज यह बदल गया है। अनेक लोग, विशेषकर बच्चे, ‘फास्ट फूड’ पसंद करते हैं, जैसे बर्गर, पिज्जा या चिप्स आदि। इस बदलाव के अनेक कारण हैं।

पहला कारण, आजकल अभिभावक अधिक समय तक काम करते हैं और उनके पास भोजन बनाने के लिए समय कम होता है। दूसरा, जब महिलाएँ भी काम करती हैं तो उनके पास व्यय करने के लिए अधिक धन होता है। एक अन्य कारण है विज्ञापन। टी.वी., पत्रिकाओं और इंटरनेट से अनेक प्रकार के उपलब्ध भोजन की लोगों में जानकारी बढ़ गई है।

यद्यपि ‘फास्ट फूड’ बहुत स्वादिष्ट और सुविधाजनक होता है, यह स्वास्थ्यकर नहीं होता। बहुत से बच्चे मोटापे और अनेक रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं।

प्रश्न. ‘आज यह बदल गया है।’ ‘यह’ शब्द का तात्पर्य है—

  1. विचार
  2. लोग
  3. भोजन
  4. चलन

उत्तर – 3

प्रश्न. ‘बर्गर, पिज्जा, चिप्स’ को कहा जाता है—

  1. स्वादिष्ट भोजन
  2. फास्ट फूड
  3. स्वास्थ्यकर भोजन
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर – 2

प्रश्न. इस अनुच्छेद के माध्यम से लेखक हमें बताना चाहता है कि

  1. फास्ट फूड स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
  2. परिवार साथ बैठकर भोजन करें।
  3. बच्चे घर का बना खाना पसंद नहीं करते।
  4. आजकल अधिक से अधिक लोग काम करते हैं।

उत्तर – 1

प्रश्न. शब्द ‘मोटापा-ग्रस्त’ का अर्थ है?

  1. बहुत पतला
  2. बहुत भद्दा
  3. बहुत लम्बा
  4. बहुत मोटा

उत्तर –

प्रश्न. पुराने जमाने में लोग स्वस्थ होते थे, क्योंकि वे –

  1. होटलों और रेस्तराओं में अनेक प्रकार का भोजन करते थे।
  2. वे घर में बना ताजा खाना खाते थे।
  3. वे केवल ताजे फल और सब्जियाँ खाते थे।
  4. एक परिवार के रूप में साथ खाते थे।

उत्तर – 2

गद्यांश 2 :- हमारे व्यावहारिक अथवा वास्तविक जीवन में भी यही सिद्धांत काम करता है कि हम समाज अथवा लोगों को जो देते हैं वही हमारे पास लौटकर आता हम लोगों से प्यार करते हैं तो लोग भी हमें प्यार करते हैं लेकिन यदि हम लोगों से घृणा करते हैं तो वे भी हमसे घृणा ही करेंगे इसमें संदेह नहीं। यदि हम सबके साथ सहयोग करते हैं अथवा ईमानदार बने रहते हैं तो दूसरे भी हमारे प्रति सहयोगात्मक और ईमानदार हो जाते हैं।

इसे आकर्षण का नियम कहा गया है। हम जैसा स्वभाव विकसित कर लेते हैं वैसी ही चीजें हमारी ओर आकर्षित होती हैं। गंदगी मक्खी को आकर्षित करती है तो फूल तितली को आकर्षित करते हैं। यदि हम स्वयं को फूल जैसा सुंदर, सुवासित, मसृण व रंगीन अर्थात् सुंदर गुणों से युक्त बना लेंगे तो स्वाभाविक है कि समाज के सुंदर गुणी व्यक्ति हमारी ओर आकर्षित होंगे ही।

यदि हम चाहते हैं कि हमारे संपर्क में केवल अच्छे लोग ही हों, तो हमें स्वयं को उनके अनुरूप बनाना होगा-दुर्गुणों में नहीं, सदगुणों में अपने व्यवहार को व्यवस्थित व आदतों को अच्छा करना होगा। अपनी वाणी को कोमल व मधुर बनाना होगा। केवल मात्र बाहर से नहीं, मन की गहराइयों में स्वयं को सुंदर बनाना होगा।

यदि हम बाहरी रूप-स्वरूप से नहीं, वरन मन से सुंदर बन पाते हैं तो विचार और कर्म स्वयं सुंदर हो जाएँगे। जीवन रूपी सितार ठीक बजने लगेगा। जीवन के प्रति सत्यम्, शिवम् और सुंदरम् का आकर्षण बढ़ने लगेगा।

प्रश्न. अपने व्यवहार को व्यवस्थित और आदतों को अच्छा करने से क्या होगा?

  1. वाणी कोमल और मधुर हो जाएगी।
  2. दुर्गुण सद्गुणों में बदल जाएँगे।
  3. अच्छे लोग ही हमारे संपर्क में आएँगे।
  4. जीवन सुखी और संपन्न हो जाएगा।

उत्तर – 3

प्रश्न. हमारे व्यवहार और कार्य स्वयं ठीक हो जाएँगे यदि हम

  1. सुखी जीवन व्यतीत करें।
  2. सबसे अच्छा व्यवहार करें।
  3. बाहर से ही नहीं, भीतर से भी अच्छे बनें।
  4. वीणा और वाणी से मधुर स्वर निकालें।

उत्तर – 3

प्रश्न. लेखक द्वारा ‘आकर्षण का नियम’ किसे कहा गया?

  1. फूल गुणवानों को आकर्षित करते हैं।
  2. गंदगी मक्खियों को आकर्षित करती है।
  3. चुंबक लोहे को आकर्षित करता है।
  4. अच्छा-बुरा स्वभाव वैसे ही लोगों को आकर्षित करता है।

उत्तर – 4

प्रश्न. फूल और तितली का उदाहरण देकर लेखक सिद्ध करना चाहता है।

  1. हमें जीवन को तितली जैसा बनाना चाहिए।
  2. भले लोगों को फूल और तितलियाँ प्रिय होते हैं।
  3. गुणी जनों को गुणवान ही आकर्षित करते हैं।
  4. तितली फूलों की ओर ही आकर्षित होती है।

उत्तर – 3

प्रश्न. हमारे व्यावहारिक अथवा वास्तविक जीवन में कौन-सा सिद्धान्त काम करता है?

  1. आकर्षण-विकर्षण
  2. हम जो किसी को देते हैं वही हमारे पास लौट कर आता है।
  3. सुखी जीवन व्यतीत करने का सिद्धान्त
  4. उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर – ? इसका जवाब कमेंट बॉक्स में दें।