UPSSSC PET Passage Practice Set 11 | पिछले पेपर पर आधारित गद्यांश के महत्वपूर्ण प्रश्न

UPSSSC PET Passage Practice Set 11: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष यूपी पेट परीक्षा का आयोजन किया जाता है इस बार यूपी पेट परीक्षा का आयोजन 15 और 16 अक्टूबर 2022 होनी अनिवार्य हैं। जो भी उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के हैं या किसी अन्य राज्य के हैं और वह उम्मीदवार जो UPSSSC आयोग द्वरा आने वाली भर्तियों में भाग लेना चाहते हैं तो उनको UPSSSC PET Exam 2022 परीक्षा पास करना अनिवार्य है क्योंकि यह परीक्षा एक प्री परीक्षा है इसी परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर मेंस परीक्षा आयोजित की जाएगी, इस लेख के जरिये आप PET Practice Set in Hindi को प्राप्त कर सकतें हैं और साथ ही अन्य परीक्षा के Practice Set प्राप्त करने के लिए क्लिक करें।

UP PET EXAM में हिंदी भाषा के 2 पैसेज यानी कि गद्यांश से कुल 10 प्रश्न पूछें जाते हैं इसलिए हम आपके परीक्षा में 10 अंक पक्के करने के लिए हिंदी पैसेज संबंधित प्रश्न लेकर आते है जिससे कि आप अपनी तैयारी भी जांच सके और अपनी तैयारी को सुधार सकें।

इस परीक्षा के प्राप्त अंको के आधार पर आने वाली भर्तियों में मेरिट बनाकर मेंस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है इसलिए आप UPSSSC PET Exam की तैयारी बढ़िया तरीके से करें तथा परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर, मेंस परीक्षा के लिए योग्य रहे और PET Practice Set Online लगाते रहे, इस लिए हम आपके लिए up pet Exam में पूछें गए UPSSSC PET Practice Set के महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आये है जिसको आप हल करके अपनी तैयारी जाँच सकते हैं।

UPSSSC PET Passage Practice Set 11

UPSSSC PET Passage Practice Set 11

गद्यांश 1:- उत्तर भारत के संत कवि कबीर और दक्षिण भारत के संत कवि तिरुवल्लुवर के समय में लगभग दो हज़ार वर्ष का अंतराल है किंतु इन दोनों महाकवियों के जीवन में अद्भुत साम्य पाया जाता है। दोनों के माता-पिता ने जन्म देकर इन्हें त्याग दिया था, दोनों का लालन-पालन निस्संतान दंपतियों ने बड़े स्नेह और जतन से किया था। व्यवसाय से दोनों की साधना की थी।

तिरुवल्लुवर का प्रामाणिक जीवन-वृत्तांत प्राप्त नहीं होता। प्रायः चेन्नई के निकट महलापुर गाँव का जुलाहा माना जाता है किन्तु कुछ के उन्हें अनुसार वे राजा एलाल के शासन में एक बड़े पदाधिकारी थे और उन्हें वैसा ही सम्मान प्राप्त था जैसा चंद्रगुप्त के शासनकाल में चाणक्य लोगों उनके बारे में अनेक दंतकथाएँ। प्रचलित हैं। जैसे कहा जाता है कि एक संन्यासी नारी जाति से घृणा करता था। तिरुवल्लुवर ने बड़े आदर से उसे अपने घर बुलाया। दो दिन उनके परिवार में रहकर संन्यासी के विचार ही बदल गए। उसने कहा, ‘यदि तिरुवल्लुवर और उनकी पत्नी जैसी जोड़ी हो तो गृहस्थ जीवन ही श्रेष्ठ है।

प्रश्न. नारी जाति से घृणा करने वाले वाले संन्यासी के विचार तिरुवल्लुवर ने कैसे बदले ?

  1. सुंदर उपदेश देकर
  2. उसका स्वागत-सत्कार करके
  3. अपनी रचनाएँ सुनाकर
  4. अपनी गृहस्थी का साक्षी बनाकर

उत्तर – 4

प्रश्न. किसी धर्म की आवश्यकता कब नहीं रह जाती ?

  1. नास्तिक हो जाने पर
  2. ईश्वर की शरण माँग लेने पर
  3. धर्म पर विश्वास न होने पर
  4. झूठ को त्याग देने पर

उत्तर – 4

प्रश्न. तिरुवल्लुवर के अनुसार श्रेष्ठ धर्म है

  1. ईश्वर में आस्था होना
  2. किसी अन्य धर्म की आवश्यकता न रहना
  3. मन से पवित्र होना
  4. मंदिरों में जाना

उत्तर – 3

प्रश्न. ‘तमिल’ किस देश-प्रदेश की भाषा है?

  1. तमिलनाडु
  2. श्रीलंका
  3. कर्नाटक
  4. केरल

उत्तर – 1

प्रश्न. जो संबंध चंद्रगुप्त का चाणक्य से था वही संबंध-

  1. एल्लाल का संबंध तिरुवल्लुवर से था।
  2. चाणक्य का चंद्रगुप्त से था
  3. तिरुवल्लुवर का एलाल से था
  4. चंद्रगुप्त का एलाल से था

उत्तर – 1

गद्यांश 2:- गांधीवाद में राजनीतिक और आध्यात्मिक तत्वों का समन्वय मिलता है यही इस बात की विशेषता है। आज संसार में जितने भी वाद प्रचलित हैं, वह प्रायः राजनीतिक क्षेत्र में सीमित हो चुके हैं। आत्मा से उनका सम्बंध-विच्छेद होकर केवल बाह्य संसार तक उनका प्रसार रह गया है। मन की निर्मलता और ईश्वर निष्ठा से आत्मा को शुद्ध करना गांधीवाद की प्रथम आवश्यकता है। ऐसा करने से निःस्वार्थ बुद्धि का विकास होता है और मनुष्य सच्चे अर्थों में जन सेवा के लिए तत्पर हो जाता है। गांधीवाद में साम्प्रदायिकता के लिए कोई स्थान नहीं है।

प्रश्न. उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर बताइए कि संसार के सारे वाद सीमित हैं

  1. साम्प्रदायिकता तक
  2. आत्मा तक
  3. धर्म तक
  4. राजनीतिक क्षेत्र तक

उत्तर – 4

प्रश्न. उपर्युक्त गद्यांश में गांधीवाद का आधार किसे बाताया गया है

  1. जनसेवा और अध्यात्म को
  2. ईश्वर निष्ठा और मन की निर्मलता को
  3. राजनीतिक अध्यात्म और साम्प्रदायिकता को
  4. राजनीतिक और आध्यात्मिक तत्व को

उत्तर – 4

प्रश्न. गाँधीवाद में किसका स्थान नहीं हैं?

  1. राजनैतिक
  2. आध्यात्मिकता
  3. जन सेवा
  4. साम्प्रदायिकता

उत्तर – 4

प्रश्न. गांधीवाद की प्रथम आवश्यकता है।

  1. साम्प्रदायिकता
  2. अध्यात्म
  3. बुद्धि का विकास
  4. मन की निर्मलता और ईश्वर निष्ठा से आत्मा शुद्ध करना

उत्तर – 4

प्रश्न. गाँधीवाद में किन तत्त्वों का समन्वय मिलता

  1. जन सेवा
  2. राजनीतिक और आध्यात्मिक
  3. साम्प्रदायिक
  4. संसार में जितने भी बाद प्रचलित है।

उत्तर – 2