UPSSSC PET Passage Practice Set 10: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष यूपी पेट परीक्षा का आयोजन किया जाता है जो भी उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के हैं या किसी अन्य राज्य के हैं और वह उम्मीदवार जो UPSSSC आयोग द्वारा जारी होने वाली भर्तियों में भाग लेना चाहते हैं तो उनको UPSSSC PET Exam 2022 परीक्षा पास करना अनिवार्य है क्योंकि यह परीक्षा एक प्री परीक्षा है इसी परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर मेंस परीक्षा आयोजित की जाएगी, इस लेख के जरिये आप PET Practice Set in Hindi को प्राप्त कर सकतें हैं और साथ ही अन्य परीक्षा के Practice Set प्राप्त करने के लिए क्लिक करें।
UP PET EXAM में हिंदी भाषा के 2 पैसेज यानी कि गद्यांश से कुल 10 प्रश्न पूछें जाते हैं इसलिए हम आपके परीक्षा में 10 अंक पक्के करने के लिए हिंदी पैसेज संबंधित प्रश्न लेकर आते है जिससे कि आप अपनी तैयारी भी जांच सके और अपनी तैयारी को सुधार सकें।
इस परीक्षा के प्राप्त अंको के आधार पर आने वाली भर्तियों में मेरिट बनाकर मेंस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है इसलिए आप UPSSSC PET Exam की तैयारी बढ़िया तरीके से करें तथा परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर, मेंस परीक्षा के लिए योग्य रहे और PET Practice Set Online लगाते रहे, इस लिए हम आपके लिए up pet Exam में पूछें गए UPSSSC PET Practice Set के महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आये है जिसको आप हल करके अपनी तैयारी जाँच सकते हैं।
UPSSSC PET Passage Practice Set 10
पैसेज 1 :- जिस किसी में किसी प्रकार का कष्ट या हानि सहने का साहस अपेक्षित होता है, उन सबके प्रति उत्कंठापूर्ण आनंद उत्साह के अन्तगर लिया जाता है। कष्ट या हानि के भेद के अनुसार उत्साह के भी भेद हो जात हैं। साहित्य मीमांसकों ने इसी दृष्टि से युद्धवीर, दानवीर, दयावीर इत्याद भेद किये हैं। इनमें सबसे प्राचीन और प्रधान युद्धवीरता है, जिसमें आधात पीड़ा या मृत्यु की परवाह नहीं रहती। इस प्रकार की वीरता का प्रयोजन अत्यन्त प्राचीन काल से चला आ रहा है, जिसमें साहस और प्रयत्न चरमोत्कर्ष पर पहुँचते हैं। पर केवल कष्ट या पीड़ा के साहस में ही उत्साह का स्वरूप स्फुरित नहीं होता। उसके साथ आनन्दपूर्ण प्रयत्न या उसक उत्कंठा का योग चाहिये।
प्रश्न. सबसे प्राचीन वीरता कौन-सी है?
- वाक्वीरता
- दानवीरता
- दयावीरता
- युद्धवीरता
उत्तर – 4
प्रश्न. युद्धवीरता के लिए किस प्रकार की प्रकृति अपेक्षित है?
- चतुराई
- धृष्टता और सहारा
- साहस, प्रयत्न और कष्ट सहने का धीरज
- चंचलता और अस्थिरता
उत्तर – 3
प्रश्न. उत्कंठापूर्ण आनन्द किसके अन्तर्गत लिया जाता है?
- उत्साह के अन्तर्गत
- युद्ध के अन्तर्गत
- वीरता के अन्तर्गत
- दान के अन्तर्गत
उत्तर – 1
प्रश्न. साहित्य मीमांसकों ने वीरता के कौन-कौन से भेद किये हैं?
- कलंक और बकर
- अध्यवसायी और ईमानदार
- शूरवीर और परिश्रमी
- युद्धवीर, दानवीर और दयावीर
उत्तर – 4
प्रश्न. उत्साह के भेद किस आधार पर किए गये हैं?
- कष्ट या हानि के भेद के आधार पर
- उत्साह के आधार पर
- दुर्बलता के आधार पर
- पीड़ा या आघात के आधार पर
उत्तर – 1
पैसेज 2:- हम श्वास द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण करते और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं। ऐसा ही अधिकतर जानवरों, चिड़ियों, रेंगनेवाले जंतुओं, कीड़े-मकोड़ों के द्वारा भी किया जाता है। दूसरी ओर सभी प्रकार की वनस्पतियाँ कार्बन डाई-ऑक्साइड ग्रहण करती और ऑक्सीजन छोड़ती हैं। यदि हवा में लंबे समय तक ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड का अनुपात एक जैसा रहे तब उसका अर्थ होगा कि पौधों और प्राणियों का जीवन एक दूसरे के अस्तित्व के मामले में समान स्तर पर आ जायेगा। लेकिन यदि हम कार्बन डाई-ऑक्साइड का अनुपात वातावरण में बढ़ा दें तब प्रकृति के द्वारा लाखों सालों से बनाकर रखा गया संतुलन बदल जायेगा।
वातावरण और वनस्पतियाँ कार्बन डाई ऑक्साइड का लगातार विनिमय करती रहती हैं। वातावरण से वह वनस्पतियों में जाती है। जब वनस्पतियाँ सड़ने लगती हैं तब उनमें से कार्बन डाई ऑक्साइड निकलकर पुनः वातावरण में समा जाती है। वनस्पतियाँ इस प्रकार कार्बन डाई-ऑक्साइड वसंत और ग्रीष्म ऋतु में ग्रहण करती हैं और जब वे सर्दियों में नष्ट होने लगती हैं तब उसे छोड़ती हैं। इस प्रकार वातावरण में मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा में मौसम दर मौसम फर्क होता है।
प्रश्न. गद्यांश का मुख्य विषय है-
- श्वास द्वारा ऑक्सीजन
- ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड का संतुलन
- पौधों और प्राणियों का जीवन
- बसंत और ग्रीष्म ऋतु में वनस्पतियाँ
उत्तर – 2
प्रश्न. ‘विनिमय’ का अर्थ है?
- देना- खरीदना
- लेना-देना
- आना-जाना
- लेना पहुँचाना
उत्तर – 2
प्रश्न. हम श्वास द्वारा——–
- कार्बन डाई ऑक्साइड लेते और छोड़ते हैं।
- कार्बन डाई ऑक्साइड लेते और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
- ऑक्सीजन छोड़ते और ग्रहण करते हैं।
- ऑक्सीजन लेते और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं।
उत्तर – 4
प्रश्न. ऑक्सीजन ग्रहण करने में अधिकांश जीवधारियों का स्वभाव
- मानव के विपरीत है।
- विचित्र प्रकार का है।
- मानव से भिन्न हैं।
- मानव की तरह है।
उत्तर – 4
प्रश्न. पौधों और प्राणियों का जीवन एक-दूसरे के अस्तित्व के समान अ जाएगा, जब हवा में लंबे समय तक …….
- कार्बन डाई-आऑक्साइड और ऑक्सीजन का अनुपात समान रहे।
- कार्बन डाई ऑक्साइड मिलना बंद हो जाए।
- वनस्पतियाँ कार्बन डाई ऑक्साइड के विनिमय करती रहें।
- सूर्य का प्रकाश मिलता रहे।
उत्तर – 1