Jameen ka Patta : जब कभी भी हम किसी भूमि को बेचने व खरीदने की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहले रजिस्ट्री जमीन को प्राथमिकता देने की बात आती है। सरकारी पट्टे की जमीन का मतलब यह हुआ कि इस जमीन पर किसी व्यक्ति विशेष का अधिकार न होना। इस जमीन पर संपूर्ण हक़ सरकार का ही होता है यह भूमि किसी व्यक्ति विशेष के लिए उपलब्ध नहीं होती है। जमीन का पट्टा एक निश्चित समय के लिए ही मान्य होता है।
पट्टे की जमीन को सरकार द्वारा अनुदान व किसी व्यक्ति को किराए पर उपलब्ध कराया जा सकता है। अगर आपने कभी जमीन के पट्टा से संबंधित जानकारी को प्राप्त नहीं किया है तो यह लेख आपके लिए बहुत ही मददगार साबित होगा। इस लेख में हम आपको UP Bhulekh ,सरकारी जमीन का पट्टा UP, पट्टे की जमीन बेचने के नियम, पट्टे की रजिस्ट्री के नियम जैसी जानकारी को आप तक पहुंचाने का अथक प्रयास करेंगे।
जमीन का पट्टा (Jameen ka patta) क्या होता है?
इससे यह अभिप्राय है कि ऐसी भूमि जिस पर सिर्फ और सिर्फ सरकार का एकाधिकार हो, वह भूमि सरकार के अंदर आती है और उसपर किसी भी व्यक्ति का अधिकार नहीं हो सकता है। पट्टे की जमीन को आप किराए की जमीन के रूप में भी समझ सकते हैं जिसमें सरकार द्वारा भूमि को एक निश्चित समय सीमा के लिए किसी व्यक्ति को उपलब्ध कराया जाता है।
जमीन के पट्टे के प्रकार
नीचे आपको जमीन के पट्टे के प्रकार के बारे में बताया गया है। जमीन का पट्टा दो प्रकार का होता है।
- संक्रमयी भूमि
- असंक्रमयी भूमि
संक्रमयी भूमि
ये ऐसी भूमि होती हैं जो किसी व्यक्ति विशेष द्वारा उपयोग में लाई जाती हैं या उस भूमि पर किसी व्यक्ति का मालिकाना हक़ होता है। जैसे यदि किसी के पास अत्यधिक भूमि है और वह उस भूमि को पूर्णतः उपयोग में लाने में असमर्थ है तो किसी को भूमि का पट्टा कराकर निश्चित अवधि के लिए जमीन प्रदान कर सकता है। और संक्रमयी भूमि की सबसे खास बात यह है कि इस भूमि को बेचा भी जा सकता है।
असंक्रमयी भूमि
यह ऐसी भूमि होती है जिसपर किसी व्यक्ति विशेष का अधिकार नहीं होता है और यही पूर्णतयः सरकार के अंतर्गत आती हैं। इस भूमि का पट्टा भी कराया जा सकता है वो भी बिना कोई पैसा खर्च किए। वास्तविकता में अगर देखें तो इन्हीं भूमि को पट्टा कराया जा सकता है।
जमीन का पट्टा (jameen ka patta) किसे मिलता है?
भूमि के पट्टे (bhumi ka patta) के लिए अलग अलग राज्यों ने अलग अलग नियम बना रखे हैं जैसे कि पंजाब में जमीन का पट्टा किसानों को खेती करने के लिए दिया जाता है, वहीं झारखंड जैसे राज्य में जमीन का पट्टा अनुसूचित वर्ग के लोगों को दिया जाता है। जमीन का पट्टा करवाने के लिए उस व्यक्ति के पास बिलकुल भी भूमि उपलब्ध नहीं होनी चाहिए। जिस राज्य में उसे भूमि का पट्टा करवाना है वह उसी राज्य का निवासी होना चाहिए।जैसा कि आपने देखा भी होगा की जब बड़ी बड़ी कम्पनियां राज्यों में निवेश करती हैं तो वो भूमि को खरीदती नहीं हैं बल्कि उस जमीन का पट्टा एक निश्चित समय के लिए करवा लेती हैं। यह भी एक प्रकार का पट्टा होना ही है।
जमीन का पट्टा (Jameen ka patta) कैसे मिलता है?
भूमि का पट्टा (bhumi ka patta) यदि कोई भूमि उपयोग में नहीं है तो आप किसी उद्देश्य के लिए करा सकते हैं। जमीन का पट्टा लेने के लिए हमें ऑनलाइन आवेदन करना होगा एवं जिस उद्देश्य के लिए आप भूमि का पट्टा करा रहे हैं उसकी योग्यता को भी मापा जाता है। तत्पश्चात आपके आवेदन को सरकार द्वारा स्वीकार्य होना भी अतिआवश्यक है। यदि सरकार ने आपका आवेदन स्वीकार कर लिया तो आपको भूमि का पट्टा मिल सकता है। यदि मान लें कि एक घर बनाने के लिए आपको भूमि की आवश्यकता है तो सबसे पहले आपको ग्राम में कोई खाली पड़ी भूमि के लिए आवेदन करना होगा फिर संबंधित अधिकारी यह देखता है कि कहीं आपके नाम पर कोई भूमि तो नहीं है। यदि आपके पास भूमि नहीं है तो भूमि का पट्टा आपके नाम पर हो सकता है।
इन सब क्रियाकलापों के बाद ही भूमि का पट्टा मिलना संभव हो पाता है।
क्या पट्टे की जमीन को बेचा व खरीदा जा सकता है?
आपने कभी न कभी सोचा होगा कि क्या पट्टे की भूमि को बेचा व खरीदा जा सकता है या नहीं? तो हम आपको यह बताना चाहते हैं कि पट्टे की भूमि को केवल कुछ समय के लिए किराए पर लिया जा सकता है और जमीन का पट्टा सरकार के द्वारा लिया जाता है और यह पट्टा केवल कार्य के उद्देश्य से दिया जाता है इसे खरीदा नही जा सकता है। जिस किसी भी व्यक्ति को भूमि का पट्टा मिलता है वह इसे उपयोग में ला सकता है लेकिन इसका मालिकाना हक भूमि पर नही होता है
जमीन के पट्टे से संबंधित महत्त्वपूर्ण FAQs
यदि किसी जमीन को सरकार द्वारा किसी व्यक्ति विशेष को किसी उद्देश्य के लिए निश्चित अवधि तक जमीन को पट्टे के रूप में प्रदान किया जाता है,तो उसे जमीन का पट्टा कहा जाता है।
इसके लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा, और सारे निरीक्षण होने के पश्चात यदि आप योग्य हैं तो आपको जमीन का पट्टा मिल सकता है।
नहीं। पट्टे की जमीन को बेचा नहीं जा सकता है अपितु इसको उपयोग हेतु किराए पर लिया जा सकता है।
पट्टा लेने के लिए व्यक्ति के नाम बिल्कुल भी भूमि नहीं होनी चाहिए तथा उसी राज्य का नागरिक होना आवश्यक है।
पट्टे दो प्रकार के होते हैं- 1. संक्रमयी भूमि 2. असंक्रमयी भूमि
जमीन का पट्टा एक बारे के लिए 5 से 10 साल का होता है।
जब हम रजिस्ट्री करवाते हैं तो इस भूमि का मूल्य अदा करते हैं लेकिन पट्टे के लिए हम कोई मूल्य अदा नहीं करते हैं।
जमीन का पट्टा देखने के लिए अपने क्षेत्र के तहसील कार्यायल/ग्राम पंचायत कार्यलय में जाकर आप अपनी भूमि का पट्टा देख सकते है।