UPSSSC PET Passage Practice Set 13 | यूपी पेट गद्यांश के 10 महत्वपूर्ण प्रश्न

UPSSSC PET Passage Practice Set 13: UPSSSC आयोग द्वारा PET 2022 की प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा (Preliminary Eligibility Test) 2022 की लिखित परीक्षा को अपने निर्धारित समय पर कराने का निर्णय लिया गया है जिसके लिए UPSSSC PET Admit Card जारी कर दिए गए हैं, जो भी उम्मीदवार UPSSSC PET Exam 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन किए हैं उनकी परीक्षा दिनांक 15 व 16 अक्टूबर 2022 को प्रत्येक दिन दो पालियों (प्रथम पाली 10:00 AM to 12:00 PM. एवं द्वितीय पाली 03:00 PM to 05:00 PM.) में प्रदेश के समस्त जनपदों में आयोजित की जाएगी।

जो UPSSSC आयोग द्वारा जारी होने वाली भर्तियों में भाग लेना चाहते हैं तो उनको UPSSSC PET Exam 2022 परीक्षा पास करना अनिवार्य है क्योंकि यह परीक्षा एक प्री परीक्षा है इसी परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर मेंस परीक्षा आयोजित की जाएगी, इस लेख के जरिये आप PET Practice Set in Hindi को प्राप्त कर सकतें हैं और साथ ही अन्य परीक्षा के Practice Set प्राप्त करने के लिए क्लिक करें।

UPSSSC PET Passage Practice Set 13

UP PET EXAM में हिंदी भाषा के 2 पैसेज यानी कि गद्यांश से कुल 10 प्रश्न पूछें जाते हैं इसलिए हम आपके परीक्षा में 10 अंक पक्के करने के लिए हिंदी पैसेज संबंधित प्रश्न लेकर आते है जिससे कि आप अपनी तैयारी भी जांच सके और अपनी तैयारी को सुधार सकें।

UPSSSC PET Passage Practice Set 13

गद्यांश 1:- हमारी पृथ्वी की लगभग दो-तिहाई सतह महासागरों के जल से ढकी हुई है। इन महासागरों की गहराई के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता हैं। पृथ्वी की विशालतम पर्वत-श्रेणी हिमालय भी इन महासागरों में पूरी तरह डूब सकता है। स्थल पर वनस्पति-जीवन, पशु-जीवन तथा मानव-जीवन के समान महासागरों का भी अपना एक संसार है। इन महासागरों में रहने वाले पशुओं और प्राणियों तथा स्थल के पशुओं और वनस्पतियों में विशाल अन्तर है। समुद्र के प्राणियों की अजीब आकृतियों और रंगों के कारण कोई भी आसानी से पौधों को पशु और पशुओं को पौधे समझने की गलती कर सकता है। मूँगें पशु हैं, किन्तु एकदम फूलों की तरह लगते हैं। इन अजीब प्राणियों और पौधों के कारण, महासागरों को अपने-आप में अजायबघर माना जाता है।

प्रश्न. ‘हिमालय भी इन महासागरों में पूरी तरह डूब सकता है।” का अर्थ है

  1. हिमालय महासागर में खो जाएगा।
  2. हिमालय महासागर का एक अंग बन जाएगा।
  3. हिमालय की ऊँचाई से महासागर की गहराई
  4. हिमालय महासागर से ऊँचा है।

उत्तर – 3

प्रश्न. स्थल पर पौधे, पशु तथा मानव हैं। महासागर में हैं।

  1. पौधे, पशु और लोग
  2. पौधे और पशु
  3. लोग तथा पौधे
  4. पौधे तथा प्राणी

उत्तर – 2

प्रश्न. मूँगें हैं एक –

  1. फूल
  2. पौधे
  3. पशु
  4. घोंघा

उत्तर -3

प्रश्न, महासागर एक प्रकार का अजायबघर है, क्योंकि इसमें—

  1. फूलों की तरह लगने वाले मूँगे हैं।
  2. एक सुन्दर फर्श है।
  3. अनेक प्रकार की मछलियाँ हैं।
  4. अजीब आकृतियों और रंगों के प्राणी हैं।

उत्तर – 4

प्रश्न. इस गद्यांश का सबसे अधिक उपयुक्त शीर्षक क्या होगा ?

  1. महासागर की गहराई
  2. महासागरों का संसार
  3. महासागर में जीवन रूप
  4. हिमालय तथा महासागर

उत्तर – 2

गद्यांश 2 :- हमारा अनुभव हमें बताता है कि हर व्यक्ति ग्यारह साल की उम्र के बाद, किशोर अवस्था और उसके बाद भी सारे जीवन काल तक किसी-न-किसी कला-प्रवृत्ति को अपने भाव-प्रकटन का जरिया बनाये रख सकता है। आज के सभी विषय जिन पर हम अपनी एकमात्र श्रद्धा करते हैं, जैसे गणित, भूगोल, इतिहास, रसायन शास्त्र और यहाँ तक कि साहित्य भी-जिस तरह पढ़ाये जाते हैं, उन सबकी बुनियाद तार्किक है। इन पर एकमात्र जोर देने के कारण कला-प्रवृत्तियाँ, जो भावना-प्रधान होती हैं, ! पाठ्यक्रम से करीब-करीब निकल जाती हैं। ये प्रवृत्तियाँ केवल पाठ्यक्रम से ही नहीं निकल जातीं, बल्कि इन तार्किक विषयों को महत्त्व देने के कारण व्यक्ति के दिमाग से भी बिलकुल निकल जाती हैं। किशोर अवस्थाको तरह गलत रास्ते पर ले जाने का नतीजा भयानक हो रहा है। सभ्यता रोज-ब-रोज बेढब होती जा रही है। व्यक्ति का गलत विकास हो रहा है। उसका मानस अस्वस्थ है, परिवार दुखी है। समाज में फूट पड़ी है और ! दुनिया पर ध्वंस करने का ज्वर चढ़ा है। इन भयानक अवस्थाओं को हमारा ज्ञान-विज्ञान सहारा दे रहा है। आज की तालीम भी इसी दौड़ में साथ दे रही है।

प्रश्न. ज्ञान-विज्ञान को बहुत अधिक महत्त्व देने के कारण

  1. समाज उन्नति कर रहा है।
  2. समाज में विभाजन हो रहा है।
  3. व्यक्ति सृजन की राह पर है।
  4. व्यक्ति विध्वंस की राह पर नहीं है।

उत्तर – 1

प्रश्न. किशोरावस्था तार्किकता की ग्रधानता और भाव के अभाव में का रास्ता अपना रही है?

  1. पतन
  2. ज्ञान
  3. प्रगति
  4. कर्म

उत्तर – 2

प्रश्न. अनुच्छेद के अनुसार गणित, भूगोल, इतिहास आदि विषय

  1. भाव प्रधान हैं।
  2. कला प्रधान हैं।
  3. तर्क प्रधान हैं।
  4. बोध प्रधान हैं।

उत्तर – 3

प्रश्न. अनुच्छेद के आधार पर कहा जा सकता है कि आधुनिक शिक्षा का नतीजा है

  1. सुखद है।
  2. दुःखद है।
  3. औसत है।
  4. पता नहीं।

उत्तर- 2

प्रश्न. व्यक्ति ग्यार साल (किशोरावस्था) की उम्र के बाद किसे अपने भाव प्रकटन का जरिया बना सकता है?

  1. किसी न किसी कला प्रवृत्ति को
  2. विज्ञान
  3. तार्किकता
  4. उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर – 1