प्रधान मंत्री नई मंजिल योजना | Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana in Hindi

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana in Hindi: हम आज आपको प्रधान मंत्री नई मंजिल योजना के बारे में बताने वाले है इस योजना के तहत अल्पसंख्यक छात्रों एवं पढ़ाई पूरी करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा छात्रवृत्ति दी जाती है, जिससे कि वे पिछड़े हुए अल्पसंख्यक छात्रों की पढ़ाई पर कोई आर्थिक दवाब न पड़े।

इस योजना की शुरुआत 8 अगस्त 2015 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला द्वारा किया गया, इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदायों को एंव विशेष रूप से मुसलमानों की शैक्षिक और जीविकोपार्जन की जरूरतों में सहायता प्रदान करने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा “नई मंजिल योजना” का शुभारंभ पटना, बिहार में किया गया।

जिससे यह साफ होता है कि यह योजना देश के अल्पसंख्यक समुदायों की प्रगति और सशक्तिकरण के संबंध में समग्र दृष्टिकोण एवं अल्पसंख्यकों के कल्याण में सुधार लाने के लिए शुरु की गई है।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana

नई मंजिल योजन की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा वित्त वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में की गई थी। यह योजना स्कूल से बाहर आए या बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके सभी छात्रों और मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक नई दिशा और एक नया लक्ष्य प्रदान करना है जिससे कि सभी छात्रों को अच्छी शिक्षा मील और वे अपने देश के अलग मुकाम पर जाएं।

इस योजना का उद्देश्य प्रशिक्षुकों को ब्रिज पाठ्यक्रमों के द्वारा शैक्षिक भागीदारी उपलब्ध कराना है, ताकि उन्हें दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रमाण पत्र उपलब्ध हो सकें, इसके साथ ही उन्हें 4 पाठ्यक्रमों में ट्रेड आधार पर कौशल प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराना है, जो निम्नलिखित है-

  • विनिर्माण
  • इंजीनियरिंग
  • सेवाएं
  • सरल कौशल।

इस योजना के अंतर्गत सभी अल्पसंख्यक समुदायों के 17 साल से लेकर 35 साल तक के आयु के सभी लोगों के साथ-साथ मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा।

नई मंजिल योजना | Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana – संक्षिप्त विवरण

योजना का नामनई मंज़िल योजना/Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana
योजना की शुरुआत2015
योजना का शुभारंभभारत के प्रधानमंत्री द्वारा
योजना का आयोजनश्री मुख़्तार अब्बास नक़वी की उपस्थिति में
योजना की देख रेखअल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय
आधिकारिक वेबसाइटhttp://www.minorityaffairs.gov.in/
लक्ष्यअल्पसंख्यक
योजना का प्रकारकौशल विकास

वर्ष 2001 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत की 1,028 मिलियन आबादी का 20% से थोड़ा ज्यादा हिस्सा अल्पसंख्यकों का है। जिसमे सबसे ज्यादा हिस्सा मुस्लिमों जाति का है, मुस्लिम जाति के अल्पसंख्यक 13.4% है और इसके बाद ईसाई 2.3%, सिक्ख 1.9%, बौद्ध 0.8%, जैन 0.4 प्रतिशत और बहुत थोड़ी संख्या में पारसी भी अल्पसंख्यक में आते है।

अल्पसंख्यकों की स्कूल ड्रॉपआउट दर बहुत उच्च है जो प्राथमिक स्तरों (राष्ट्रीय 2% के मुकाबले)14% तथा माध्यमिक स्तर पर (राष्ट्रीय 3% के मुकाबले)18% बनती है। अल्पसंख्यकों की कार्य बल सहभागिता दर भी राष्ट्रीय औसत (54% के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 44%) से निम्नतर है जो समुदाय में रोजगार परिपवख्ता के कौशलों अभाव को दर्शाता है।

अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सरकार की मौजूदा योजनाएं अल्पसंख्यक आबादी के लिए शिक्षा हेतु छात्रवृत्तियों तथा कौशल एवं नेतृत्व विकास के सीमित क्रियाकलापों की व्यवस्था करती हैं। ईडीसीआईएल (इंण्डिया) लिमिटेड, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किए गए 2013 के सर्वेक्षण के अनुसार, मुस्लिमों में स्कूल ड्रॉपआउट दरें देश की उच्चतम दरों में से एक है तथा इस जाति के छात्रों का ड्रॉपआउट ज्यादातर प्राथमिक स्तर पर होता है।

भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति संबंधी सच्चर समिति की रिपोर्ट (2005) मे विभिन्न कारणों जैसे कि गरीबी, शिक्षा से प्रतिफल की न्यूनतम संभावना, स्कूलों तक कम पहुंच इत्यादि कारणों से मुस्लिमों में कम शिक्षा के परिणामों का उल्लेख करती है।

इसलिए, ऐसा कोई कार्यक्रम बनाया जाना महत्वपूर्ण है जो शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करे, जिससे उम्मीदवारों को नौकरियों के अर्थों में प्रत्यक्ष प्रतिफल प्राप्त हो। तद्‌नुसार शिक्षा और कौशल विकास की समेकित योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के समग्र विकास की तैयारी की गई है जिसका उद्देश्य शिक्षा प्राप्ति और अल्पसंख्यकों की रोजगारपरकता की कमी को दूर करना है।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana – योजना का उद्देश्य

  • नई मंज़िल का उद्देश्य गरीब अल्पसंख्यक युवाओं को रचनात्मक तौर पर नियोजित करना और उन्हें सतत एवं लाभकारी रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद करना है जिससे कि वे मुख्य धारा के आर्थिक क्रियाकलापों के साथ जुड़ सके। अगले 5 वर्षों में परियोजना के विशिष्ट उद्देश्य निम्नलिखित हैं।
  • अल्पसंख्यक समुदायों के उन युवाओं, जो स्कूल ड्रॉपआउट्‌स है। को जुटाना और उन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस) अथवा अन्य राज्य मुक्त विद्यालय प्रणाली के माध्यम से कक्षा 8 अथवा 10 तक की औपचारिक शिक्षा उपलब्ध कराना और प्रमाण-पत्र देना है।
  • कार्यक्रम के भाग के रूप में, युवाओं को बाजार प्रेरित कौशलों में एकीकृत कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराना।
  • कम से कम 70% प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी में प्लेसमेंट उपलब्ध कराना जिससे कि वे मूलभूत न्यूनतम मजदूरी प्राप्त कर सके और उन्हें अन्य सामाजिक सुरक्षा हकदारियां जैसे कि भविष्य निधियां, कर्मचारी राज्य बीमा(ईएसआई) आदि मुहैया कराना।
  • स्वास्थ्य एवं जीवन कौशलों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सुग्राहीकरण करना।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana – परियोजना का कार्यान्वयन दृष्टिकोण निम्नानुसार हैं

  • वर्तमान परियोजना प्रायोगिक है और इसमें कई क्रियाकलाप शामिल होंगे जो भारत के अल्पसंख्यक समुदायों के लिए शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण हेतु कार्यनीतियां सीखने में सरकार को सक्षम बनाएंगे। इससे प्रत्येक परिवार आदि की आर्थिक और सामाजिक पृष्ठभूमि का विशलेषण करते हुए एक आधारिक मूल्यांकन होगा।
  • इसे देशभर में चरणबद्ध ढंग से क्रियान्वित किया जाना है। अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र मुख्य भौगोलिक लक्ष्य होंगे।
  • इस प्रयोजनार्थ पंजीकृत कम्पनी/फर्म/ट्रस्ट/सोसायटी और/अथवा सरकारी कार्यक्रम कार्यान्वयनकर्ता एजेंसियों (पीआईए) को नियुक्त किया जाएगा।
  • परियोजना द्वारा प्रत्येक स्तर पर अल्पसंख्यकों की शिक्षा के परिणामों और रोजगारपरकता के अर्थों में समानता लाने के लिए उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए नवाचार को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • परियोजना मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में स्थित परियोजना प्रबंधक द्वारा कार्यान्वित की जाएगी। योजना के विभिन्न संघटकों की देख-रेख के लिए उनके साथ बाजार से हायर किए गए विशेषज्ञों की एक टीम होगी।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana – योजना की कार्यनीति

जुटाव

गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के 17-35 वर्षों के आयु समूह वाले अल्पसंख्यक युवा, जो स्कूल ड्रॉपआउट्‌स है, योजना के अधीन मुख्य लक्षित आबादी हैं। उनकी संस्कृति के अनुकूल विभिन्न कार्यनीतियों के माध्यम से उन्हें प्रेरित किया जाएगा।

मंत्रालय द्वारा बृहत स्तर पर तथा पीआईए द्वारा परियोजना क्षेत्रों में लघु स्तर पर समर्थन/सूचना, शिक्षा एवं संप्रेषण(आईईसी) तथा जागरूकता उत्पन्न करने वाले कार्यक्रम तैयार एवं क्रियान्वित किए जाएंगे। अल्पसंख्यक महिलाओं की नेतृत्व क्षमता विकास के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की नई रोशनी योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित महिलाओं को भी इस योजना के लिए प्रेरकों के रूप में लगाया जाएगा। इसी प्रकार, स्व सहायता समूहों (SHG) सरीखी सामुदायिक स्तर की संरचनाओं का भी युवाओं की लामबंदी के लिए उपयोग किया जा सकता है।

इस योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों हेतु प्राथमिक कैचमेंट एरिया 1,228 सामुदायिक विकास ब्लॉक होंगे, जहां अल्पसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा पता लगाए गए अनुसार कुल आबादी का 25% अथवा इससे अधिक हो । इस योजना के कार्यान्वयन के लिए संचालन समिति द्वारा राज्य सरकारों के साथ सलाह-मशवरा करके इन ब्लॉकों के अलावा भी कैचमेंट एरिया अधिसूचित किए जा सकते हैं।

पहचान एवं चयन

इस योजना के अंतर्गत जुटाए गए युवाओं को उपयुक्त परामर्श दिया जाएगा जिससे पीआईए को शिक्षा एवं कौशलों के अर्थों में उपयुक्त सहायता की पहचान करने के लिए उम्मीद्‌वारों की चयन-पूर्व जांच करने में मदद मिलेगी। इससे बेसलाइन के लिए डाटाबेस भी तैयार होगा।

प्लेसमेंट

प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक संपन्न होने के उपरांत, पीआईए प्रशिक्षणार्थियों के वैतनिक रोजगार के लिए नौकरियों में प्लेसमेंट को सुकर बनाएंगे। यह अधिदेश दिया गया है कि परियोजना के अंतर्गत प्रशिक्षित 70% युवाओं को प्रशिक्षण की समाप्ति के तीन महीनों के भीतर सफलतापूर्वक प्लेस किया जाना चाहिए। उन्हें संगठित उद्योगों में प्लेस करने का प्रयास किया जाएगा, तथापि, यदि ऐसा संभव नहीं होता है तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका वेतन राज्य स्तर पर मूल न्यूनतम वेतन से अधिक है और उन्हें भविष्य निधि, ईएसआई, सवेतन छुट्‌टी आदि सरीखे अन्य लाभ मिल रहे हैं।

योजना के संघटक

यह योजना 9 से 12 महीनों के लिए गैर-आवासीय एकीकृत शिक्षा एवं कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराएगी जिसमें से 3 महीने कौशल प्रशिक्षण को समर्पित किए जाएंगे। आशा की जाती है कि इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण की प्रदानगी पूर्णतः एकीकृत होगी जिसमें प्रशिक्षण की अवधि के दौरान प्रत्येक उम्मीद्‌वार को समान रूप से ऑफर किए जा रहे वर्णित विभिन्न संघटक शामिल होंगे।

बेसिक ब्रिज कार्यक्रम

लाभार्थियों को बेसिक ब्रिज कार्यक्रम ऑफर किया जाएगा जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस) अथवा अन्य किसी राज्य बोर्ड जो ओपन स्कूलिंग देता है, से प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। लाभार्थी की पात्रता के आधार पर, उसे ओपन बेसिक एजुकेशन (ओबीई) स्तर ‘सी’ पाठ्‌यक्रम करना होगा जो कक्षा VIII के समतुल्य है अथवा एनआईओएस/ राज्य बोर्ड का माध्यमिक स्तर परीक्षा कार्यक्रम जो कक्षा X के समतुल्य है।

मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण एनआईओएस/राज्य बोर्ड के मानकों के अनुसार होगा। सीखने की प्रगति का पता लगाने के लिए पीआईए द्वारा आवधिक नियमित आंतरिक मूल्यांकन भी किए जाएंगे। यदि कोई अभ्यर्थी पहले प्रयास में मुक्त विद्यालय की परीक्षा उत्तीर्ण करने में प्रत्येक छात्र को कक्षा X उत्तीर्ण करने के लिए पांच वर्षों में नौ बार प्रयास करने की अनुमति देता है।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojanaकौशल प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट

  • कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के मानदंडों के अनुसार पाठ्‌यक्रम और अन्य इन्पुट्‌स प्रयोग किए जाएंगे।
  • प्रत्येक प्रतिभागी इस परियोजना के अंतर्गत उपलब्ध क्षेत्र विशिष्ट व्यावसायिक कौशल कार्यक्रमों के विकल्पों में से अपनी रूचि और योग्यता के आधार पर चयनित कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेगा। इसमें संगत मृदु कौशल और जीवन कौशल भी शामिल होंगे।
  • कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु, पाठ्‌क्रम राष्ट्रीय कौशल अर्हता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के अनुरूपी रोजगारपरक मॉडुलर कौशल (एमईएस)/अर्हता पैक-राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (क्यूपी-एनओएस) के अनुसार होगा।
  • मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण की प्रक्रिया राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद् (एनसीवीटी) अथवा क्षेत्र कौशल परिषद् (एसएससी) के मॉडयूलर रोजगारपरक कौशलों (एमईएस) के निर्धारण के अनुसार होगी।
  • कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम न्यूनतम 3 माह की अवधि का होगा और इसमें मृदु कौशल प्रशिक्षण,बेसिक आईटी प्रशिक्षण तथा बेसिक इंग्लिश प्रशिक्षण शामिल होगा।
  • इस कार्यक्रम का फोकस इस पर होगा कि प्रशिक्षण से युवाओं को लाभकारी और सतत रोजगार मिले।
  • कौशल प्रशिक्षण का क्षेत्र इस परियोजना हेतु किए गए कौशल अंतराल अध्य्‌यन के दौरान पीआईए द्वारा किए गए मूल्याँकन के अनुसार बाजार संगत होगा। पीआईए द्वारा किए कौशल अंतराल अध्ययन का एमएसडीई द्वारा किए गए कौशल अंतराल अध्ययन से मिलान किया जाएगा।
  • क्षण/पाठ्‌यक्रमों के चयन का अन्तिम निर्णय मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। अतः प्रस्ताव प्रस्तुत करने के दौरान पीआईए को उस क्षेत्र में निर्माण और सेवा क्षेत्रों दोनों में उद्योगों के कुछ विशलेषण के आधार पर उस क्षेत्र में कौशल की मांग का उल्लेख करना चाहिए।
  • पीआईए के लिए सफल उम्मीदवारों को नियमित रोजगार में उसी क्षेत्र में प्लेस करना होगा जिनमें उनको प्रशिक्षण दिया गया है। औपचारिक क्षेत्र में रोजगार वांछनीय है। तथापि, यदि यह संभव न हो तो पीआईए को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नौकरी राज्य में अर्द्ध-कुशल कार्मिकों हेतु यथा आदेशित न्यूनतम वेतन दिया जाता है और नियोक्ता को कार्यक्रम के जारी रहने के दौरान अपने स्टाफ को भविष्य निधि, ईएसआई, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) तथा अन्य लाभ देने चाहिएं।
  • नियोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए, पीआईए को स्थानीय क्षेत्र के उद्योगों के साथ निरंतर संपर्क में रहना चाहिए और या तो स्वयं अथवा राज्य कौशल विकास मिशन के साथ सहभागिता करके जॉब मेलों का आयोजन करना चाहिए।
  • एक बार प्लेस हो जाने के पश्चात् , पीआईए को अभ्यर्थियों को कम से कम तीन महीनों के लिए प्लेसमेंट्‌ उपरांत सहायता या तो दौरों के माध्यम से अथवा फोन कॉल्स द्वारा अथवा अन्य किन्हीं माध्यमों, जो सुगम हों, के जरिये नियमित परामर्श से उपलब्ध करानी चाहिए।
  • पीआईए एक वर्ष की अवधि के लिए अपने सभी छात्रों को ट्रैक भी करेगा। यदि उस दौरान छात्र श्रम बाज़ार से ड्रॉप आउट हो जाता है, तो उसके लिए अन्य नौकरी खोजने की जिम्मेदारी पीआईए की होगी।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana – स्वास्थ्य एवं जीवन कौशल

सभी प्रतिभागियों को मूलभूत स्वच्छता, प्राथमिक चिकित्सा आदि सहित स्वास्थ्य जागरूकता और जीवन कौशलों संबंधी मॉडयूल भी उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रशिक्षणार्थी/लाभार्थी

  • कार्यक्रम देश के सभी क्षेत्रों में संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 100,000 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों के प्रशिक्षण का कुल वास्तविक लक्ष्य 5 वर्षों की कार्यान्वयन अवधि में पूरा किया जाएगा। आशा की जाती है कि लक्ष्य का लगभग 2% प्रथम प्रथम वर्ष में कवर किया जाएगा और बकाया आने वाले वर्षों में वितरित किया जाएगा।
  • प्रशिक्षणार्थी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के अंतर्गत यथा अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय (अर्थात्‌ मुस्लिम, इसाई, सिक्ख, बौद्ध, जैन एवं पारसी) से संबंधित होना चाहिए।
  • उन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में, जहां संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों द्वारा अधिसूचित अन्य अल्पसंख्यक समुदाय मौजूद है तो उन्हें भी कार्यक्रम हेतु पात्र समझा जा सकता है किंतु उन्हें कुल सीटों के 5% से ज्यादा नहीं मिलेगा।
  • प्रशिक्षणार्थी की आयु 17-35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • गैर-अल्पसंख्यक जिले अथवा शहर के भीतर अल्पसंख्यक आबादी की बहुलता वाले कुछ विशेष पॉकेट्‌स भी विचार किए जाने के पात्र होंगे।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों दोनों से प्रशिक्षणार्थी गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के होने चाहिएं।
  • प्रशिक्षणार्थी की न्यूनतम अर्हता एनआईओएस/नीचे परिभाषित समतुल्य के अनुसार होनी चाहिए

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana कक्षा VIII हेतु ब्रिज कार्यक्रम

अभ्यर्थी के पास कक्षा V उत्तीर्ण अथवा अनुत्तीर्ण का अथवा समतुल्य शिक्षा का स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र होना चाहिए अथवा उसे इस पाठ्‌यक्रम को जारी रखने की अपनी योग्यता का उल्लेख करते हुए स्व-प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराना होगा। अभ्यर्थी पाठ्‌यक्रम को जारी रखने के लिए एनआईओएस अथवा समतुल्य बोर्ड द्वारा यथा निर्धारित न्यूनतम आयु को पूरा करता हो।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana कक्षा X हेतु ब्रिज कार्यक्रम

  • अभ्यर्थी के पास कक्षा VIII उत्तीर्ण अथवा अनुत्तीर्ण का अथवा समतुल्य शिक्षा का स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र होना चाहिए अथवा उसे इस पाठ्‌यक्रम को जारी रखने की अपनी योग्यता का उल्लेख करते हुए स्व- प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराना होगा। अभ्यर्थी पाठ्‌यक्रम को जारी रखने के लिए एनआईओएस अथवा समतुल्य बोर्ड द्वारा यथा निर्धारित न्यूनतम आयु को पूरा करता हो।
  • योजना के अंतर्गत 30% लाभार्थी सीटें बालिका/महिला अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित की जाएंगी तथा 5% लाभार्थी सीटें अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित दिव्यांग व्यक्तियों के लिए निर्धारित की जाएंगी। अंतर-समुदाय एकता को प्रोत्साहित करने के लिए गैर-अल्पसंख्यक समुदायों के बीपीएल परिवारों से संबंधित 15% अभ्यर्थियों पर भी विचार किया जाएगा।
  • यदि इस योजना के अंतर्गत यथा निर्धारित आरक्षित श्रेणियां रिक्त रहती हैं, तो इन रिक्त सीटों को अनारक्षित समझा जाएगा।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana कार्यक्रम क्रियान्वयनकर्त्ता एजेंसियों (पीआईए) की योग्यता

योजना में शामिल होने के लिए पीआईए को आमंत्रित किया जाएगा। पीआईए का चयन उनके चयन हेतु मापदंड में निर्धारित किए गए अनुसार मूल्यांकन की जटिल प्रक्रिया और समुचित कर्मठता के अध्यधीन होगा। नीचे संस्थानों के प्रकारों की एक अस्थायी सूची दी गई है जिनका परियोजना के अंतर्गत पीआईए के रूप में चुनाव किया जाएगा।

एनसीवीटी अथवा एससीवीटी से मान्यता प्राप्त सरकारी अथवा निजी आईटीआई केंद्रीय अथवा राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्डों अथवा मुक्त विद्यालयों (अथवा समतुल्य) द्वारा अनुमोदित विद्यालय/संस्थान |

पैनल में शामिल होन के लिए पीआईए का पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कम से कम 15 करोड़ का कारोबार होना चाहिए और पिछले तीन वर्षों में प्रतिवर्ष कम से कम 500 प्रशिक्षाणार्थियों को प्रशिक्षण दिया हुआ होना चाहिए।

व्यावसायिक शिक्षा /प्रशिक्षण/जॉब उन्मुख/स्व-रोजगार/उद्यमिता विकास प्रशिक्षण पाठ्‌यक्रमों को संचालित करने वाली पंजीकृत कंपनी/फर्म/ट्रस्ट/ सोसायटी जिसने केंद्र सरकार की किसी योजना के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में 500 व्यक्तियों को अनिवार्य रूप में प्रशिक्षित किया हो।

वह कम से कम तीन वर्षों से अस्तित्व में हो और उसकी वैध स्थायी आयकर खाता संख्या अथवा सेवा कर पंजीकरण संख्या हो। उसके पास विगत तीन वर्षों के लेखा-परीक्षित खातों के ब्यौरे हों तथा उसे भारत में किसी भी सरकारी संस्था द्वारा काली सूची में न डाला गया हो। उसे केंद्र सरकार के उस संबंधित मंत्रालय का संतोषजनक निष्पादन का पत्र प्रस्तुत करना होगा जिस मंत्रालय की योजना के अंतर्गत उसने 1000 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया हो।

पीआईए को एक प्रमुख संघटक के कार्यान्वयन हेतु उत्तरदायी प्रत्येक सहभागी के साथ सहायता संघ में आने की अनुमति है। सहायता-संघ दृष्टिकोण अधीन सभी भागीदारों से दस्तावेज लिए जाएंगे और अग्रणी (लीड) पीआईए उत्तरदायी होगा। तथापि तुलन-पत्र आदि जैसे वित्तीय दस्तावेज अग्रणी (लीड) पीआईए और अन्य भागीदार के संबंध में सहायता संघ/संयुक्त उद्यम के मामले में ही लिए जाएंगे।

पीआईए को संबंधित संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी चयन समिति द्वारा 5 वर्षों के लिए पैनल में शामिल किया जाएगा जो उनके वार्षिक कार्य-निष्पादन और मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं के अध्यधीन होगा। चयनित पीआईए को चयन के समय पर निर्णय लिए गए अनुसार एक अथवा एक से अधिक क्षेत्रों में कार्य करने की अनुमति होगी। योजना के अंतर्गत आउटसोर्सिंग अथवा फ्रेंचाइजिंग की अनुमति नहीं है।

  • पीआईए की मूल्यांकन प्रक्रिया में निम्नलिखित का प्रोमोटरों गुणात्मक मूल्यांकन शामिल होगा
  • संगठन क्षमताः इसमें संगठन कौशलकरण अनुभव, प्रोमोटरों एवं प्रबंधन टीम का अनुभव, आंतरिक संगठनात्मक नीतियों की सुदृढ़ता, प्रशिक्षकों की गुणवत्ता शामिल है।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट ट्रैक रिकॉर्ड

आवेदक पीआईए तथा/अथवा सरकारी एवं निजी परियोजनाओं में सहायता-संघ सहभागियों का कार्य-निष्पादन, उम्मीदवार का फीडबैक, नियोक्ता का फीडबैक, उद्योग के साथ टाई अप आदि शामिल है।

शिक्षा का रिकॉर्ड:- विगत तीन वर्षों में आधारभूत शिक्षा परियोजनाएं, जैसे कि दाखिल किए गए और बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले और उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या , को क्रियान्वित करने में संगठन के अथवा सहायता-संघ के सहभागियों के अनुभव शामिल हैं।

अल्पसंख्यक क्षेत्रों का अनुभव:- अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में कार्य करने के साक्ष्य जैसे कि केस अध्ययन, अपनाई गईं कार्यनीतियां, स्थानीय समूहों के साथ भागीदारी करना आदि शामिल हैं।

सेक्टर का अनुभव:- प्रस्तावित सेक्टर, पाठ्‌यक्रम की पाठ्‌य सामग्री और एनएसक्यूएफ के साथ तालमेल में प्रशिक्षण संचालित करने का पूर्व का अनुभव।

प्रशिक्षण संबंधी अवसंरचना:- प्रशिक्षण हेतु मौजूदा अवसंरचना जैसे कि प्रयोगशालायें और मशीनरी आदि।

शिक्षा संबंधी अवसंरचना:- एनआईओएस अथवा अन्य किन्हीं ओपन बोर्डों में अधिदेश दिए गए अनुसार अवसंरचना वाली एजेंसियों के साथ टाई-अप।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana वित्त व्यवस्था

पीआईए अथवा सहायता-संघ के मामले में अग्रणी पीआईए के तुलन-पत्र सरीखे वित्तीय दस्तावेज।

गुणात्मक मूल्यांकन के उपरांत पीआईए का वास्तविक सत्यापन किया जाएगा जहां उसकी अवसंरचना, संकाय तथा वित्त व्यवस्था की मंत्रालय द्वारा गठित परियोजना प्रबंधन एकक द्वारा जांच की जाएगी।

एक से अधिक संगठनों के पात्र होने की स्थिति में भागीदार (भागीदारों) का उक्त निर्धारित मापदंड को सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम हो जाने के पश्चात् ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर चयन किया जाएगा। ऐसे मामलों में जहां किसी समय विशेष और स्थान पर एक से अधिक पीआईए काम करना चाहती हैं तो कार्य आबंटित करने के लिए गैर मूल्य/गुणवत्ता मानदंड प्रयुक्त किए जाएंगे।

पीआईए को पैनल में शामिल किए जाने का अर्थ प्रशिक्षण कार्य अनिवार्यतः आबंटित करना नहीं है। मंत्रालय द्वारा जरूरत के अनुसार नए सिरे से पैनल तैयार कर सकता है।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana ऑनलाइन आवेदन कैसे करें | How to Apply for the Nai Manzil Scheme

जो भी उम्मीदवार इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं वो अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते है तथा निर्देश को पढ़कर आवेदन प्रक्रिया के बारे में भी जान सकतें है।

इस योजना का आवेदन उम्मीदवार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीको से कर सकतें है, इसके अलावा उम्मीदवारों को सत्यापन प्रक्रिया के लिए डॉक्यूमेंट भी जमा करने होंगे,सत्यापित करने के लिए की आप इस योजना के गाइडलाइन को फॉलो करते है कि नही, एक बार सत्यापन हो जाने के बाद, सभी उम्मीदवारों को एक एजेंसी की देखरेख के अंतर्गत रखा जायेगा, जोकि उम्मीदवार को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जिम्मेदार रहेगी।

Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana
  • रजिस्ट्रेशन करने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें।
  • क्लिक करने के बाद “New User Registration” पर क्लिक करना होगा।
  • उसके बाद माँगी गई पूरी जानकारी को भरें।
  • आपको ध्यान रहे कि आप जो जानकारी देंगे उसके दस्तावेज आपके पास होने चाहिए सत्यापन के लिए।
Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana

नोट– इस पोर्टल पर पहले से पंजीकृत एनजीओ को फिर से पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। NGO (s) जिन्होंने कई बार पंजीकरण किया है और कई लॉगिन / उपयोगकर्ता खाते हैं, एक लॉगिन / उपयोगकर्ता खाते को छोड़कर अन्य सभी लॉगिन / उपयोगकर्ता खाता (s) निष्क्रिय कर दिया जाएगा।

यदि आपको रजिस्ट्रेशन करने में कोई दिक्कत का साम्हना करना पड़ रहा है तो हेल्पलाइन नंबर 1800-11-2001 (टोल फ्री) पर कॉल कर जानकारी ले सकतें हैं।

नई मंज़िल योजना में शुल्क एवं छात्रवृत्ति की जानकारी, Fee and Stipend in Nai Manzil Scheme

हम आपको बता दे कि सलेक्शन होने के बाद प्रशिक्षण के लिए किसी भी छात्र से एजेंसीज कोई शुल्क नहीं लेगी, वे एजेंसीज जो इस योजना का हिस्सा बनना चाहती हैं, उन्हें प्रत्येक चयनित उम्मीदवारों के लिए 56,500 रूपये की राशि प्रदान की जाती है। इस पैसे को तैयारी कराने वाली एजेंसीज को 3 अलग- अलग किस्तों में पैसा दिया मिलेगा, जिसका अनुपात 30:50:20 है।

उसके बाद सभी चयनित उम्मीदवारों को उनकी भागीदारी के प्रोत्साहन एवं आगे बढ़ने के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है जिसके लिए भुगतान के लिए एजेंसीज जिम्मेदार होगी।

महत्वपूर्ण लिंक्स

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