UPSSSC PET Hindi passage Practice Set 2: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष यूपी पेट परीक्षा का आयोजन किया जाता है जो भी उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के हैं या किसी अन्य राज्य के हैं और वह उम्मीदवार यूपीट्रिपलएससी आयोग द्वारा जारी होने वाली भर्तियों में भाग लेना चाहते हैं तो उनको UPSSSC PET Exam 2022 परीक्षा पास करना अनिवार्य है क्योंकि यह परीक्षा एक प्री परीक्षा है इसी परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर मेंस परीक्षा आयोजित की जाएगी, इस लेख के जरिये आप PET Practice Set in Hindi को प्राप्त कर सकतें हैं और साथ ही अन्य परीक्षा के Practice Set प्राप्त करने के लिए क्लिक करें।
इस परीक्षा के प्राप्त अंको के आधार पर आने वाली भर्तियों में मेरिट बनाकर मेंस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है इसलिए आप UPSSSC PET Exam की तैयारी बढ़िया तरीके से करें तथा परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर, मेंस परीक्षा के लिए योग्य रहे और PET Practice Set Online लगाते रहे, इस लिए हम आपके लिए up pet Exam में पूछें गए UPSSSC PET Hindi passage Practice Set के महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आये है जिसको आप हल करके अपनी तैयारी जाँच सकते हैं।
नीचे की तरफ हम आपको यूपी पेट परीक्षा में पूछें जानें वाले हिंदी गद्यांश संबंधित प्रश्न दिए हैं जो यूपी ट्रिपल एससी पेट परीक्षा में 10 अंकों के आते हैं, जिसको हल करें और अपनी तैयारी को मजबूत करें।
UPSSSC PET Hindi passage Practice Set 2
गद्यांश 1:- धरातल से युद्ध की विभीषिकाओं को सदा-सदा के लिए समाप्त करने के लिए गाँधीजी ने विश्व को अहिंसा रूपी अस्त्र प्रदान किया। गाँधीजी कहा करते थे कि प्रेम और अहिंसा के द्वारा विश्व के कठोर से कठोर हृदय को भी कोमल बनाया जा सकता है। उन्होंने इन सिद्धान्तों का परीक्षण भी किया और वे ‘नितान्त’ सफल सिद्ध हुए। हिंसा-से-हिंसा बढ़ती है, ‘घृणा’, घृणा को जन्म देती है और प्रेम-से-प्रेम की अभिवृद्धि होती है। अतः यह निश्चित है कि बिना प्रेम और अहिंसा के विश्व में शान्ति स्थापित नहीं हो सकती। शान्ति के अभाव में मानव जाति का विकास सम्भव नहीं। प्रत्येक राष्ट्र का स्वर्णिम युग वही कहा जाता है, जबकि वहाँ पूर्ण शान्ति और सुख रहा हो तथा उत्तमोत्तम रचनात्मक कार्य किए जाते हों। भौतिक दृष्टि से व्यापार और कृषि की उन्नति भी शान्तिकाल में ही सम्भव होती है, अतः हम यदि विश्व का कल्याण चाहते हैं, तो हमें युद्ध का बहिष्कार करना ही होगा। अहिंसा और प्रेम की भावना से विश्व में शान्ति स्थापित करनी होगी, तभी विश्व में सुखमय एवं शान्तिमय राज्य की स्थापना सम्भव होगी।
प्रश्न. विश्व में शान्ति क्यों आवश्यक है?
- मानव जाति के विकास के लिए
- उत्तमोत्तम रचनात्मक कार्य के लिए
- व्यापार और कृषि की उन्नति के लिए
- कठोर-से-कठोर हृदय को भी कोमल बनाने के लिए
उत्तर – 1
प्रश्न. विश्व शान्ति की स्थापना के लिए सबसे आवश्यक हैं
- हिंसा और भय
- अहिंसा और प्रेम
- आत्मीयता और समीपता
- परिश्रम और ज्ञान
उत्तर – 2
प्रश्न. कठोर से कठोर हृदय को भी कोमल बनाया जा सकता है
- सत्य पालन द्वारा
- मौन पालन द्वारा
- अहिंसा द्वारा
- भय द्वारा
उत्तर – 3
प्रश्न. किसी भी राष्ट्र के स्वर्णिम युग के प्रमुख तत्त्व हैं-
- धन और वैभव
- धन और सम्मान
- आध्यात्म और उपासना
- शान्ति, सुख और रचनात्मक कार्य
उत्तर – 4
प्रश्न. ‘नितान्त’ शब्द का उपयुक्त पर्याय है।
- भलीभाँति
- विधिवत्
- बिल्कुल
- निम्न
उत्तर – 3
पैराग्राफ 2- विज्ञान आज के मानव-जीवन का अविभाज्य एवं घनिष्ठ अंग बन गया है। मानव जीवन का कोई भी क्षेत्र विज्ञान के अश्रुतपूर्व आविष्कारों से अछूता नहीं रहा। इसी से आधुनिक युग विज्ञान का युग कहलाता है। आज विज्ञान ने पुरुष और नारी, साहित्यकार और राजनीतिज्ञ, उद्योगपति और कृषक, पूँजीपति और श्रमिक, चिकित्सक और सैनिक, अभियन्ता और शिक्षक तथा धर्मज्ञ और तत्त्वज्ञ सभी को और सभी क्षेत्रों में किसी-न-किसी रूप में अपने अप्रतिम प्रदेय से अनुगृहीत किया है। आज समूचा परिवेश विज्ञानमय हो गया है। विज्ञान के चरण गृहिणी के रसोईघर से लेकर बड़ी-बड़ी प्राचीरों वाले भवनों और अट्टालिकाओं में ही दृष्टिगत नहीं होते, प्रत्युत वे स्थल और जल की सीमाओं को लाँघकर अन्तरिक्ष में भी गतिशील हैं। वस्तुतः विज्ञान अद्यतन मानव की सबसे बड़ी शक्ति बन गया है। इसके बल से मनुष्य प्रकृति और प्राणिजगत का शिरोमणि बन सका है। विज्ञान के अनुग्रह से वह सभी प्रकार की सुविधाओं और सम्पदाओं का स्वामित्व प्राप्त कर चुका है। अब वह ऋत-ऋतुओं के प्रकोप से भयाक्रांत एवं संत्रस्त नहीं है। विद्युत ने उसे आलोकित किया है, उष्णता और शीतलता दी है, बटन दबाकर किसी भी कार्य को सम्पन्न करने की ताकत भी दी है। मनोरंजन के विविध साधन उसे सुलभ हैं। यातायात एवं संचार के साधनों के विकास से समय और स्थान की दूरियाँ बहुत कम हो गई हैं और समूचा विश्व एक परिवार-सा लगने लगा है। कृषि और उद्योग के क्षेत्र में उत्पादन की तीव्र वृद्धि होने के कारण आज दुनिया पहले से अधिक धन-धान्य से सम्पन्न है। शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की देन अभिनन्दनीय है। विज्ञान के सहयोग से मनुष्य धरती और समुद्र के अनेक रहस्य हस्तामलक करके अब अन्तरिक्ष लोक में प्रवेश कर चुका है। सर्वोपरि, विज्ञान ने मनुष्य को बौद्धिक विकास प्रदान किया है और वैज्ञानिक चिन्तन-पद्धति दी है। वैज्ञानिक चिन्तन-पद्धति से मनुष्य अन्धविश्वासों और रूढ़ि-परम्पराओं से मुक्त होकर स्वस्थ एवं सन्तुलित ढंग से सोच-विचार कर सकता है और यथार्थ एवं सम्यक जीवन जी सकता है। इससे मनुष्य के मन को युगों के अन्धविश्वासों, भ्रमपूर्ण और दकियानूसी विचारों, भय और अज्ञानता से मुक्ति मिली है। विज्ञान की यह देन स्तुत्य है। मानव को चाहिए कि वह विज्ञान की इस समग्र देन को रचनात्मक कार्यों में सुनियोजित करे।
प्रश्न. विज्ञान मानव की सबसे बड़ी शक्ति इसलिए कही गई है क्योंकि इसके बल से मनुष्य
- विद्युत शक्ति का स्वामी है।
- प्रकृति और प्राणिजगत का सिरमौर है।
- सभी भौतिक सुविधाओं से सम्पन्न है।
- अन्तरिक्ष के क्षेत्र में हस्तक्षेप कर सकता है।
उत्तर – 2
प्रश्न. वैज्ञानिक चिन्तन-पद्धति ने मनुष्य का सबसे बड़ा उपकार यह किया है कि उसे मुक्ति मिली है।
- सन्तुलित अनुचिन्तन से
- पुरानी शिष्ट औपचारिकताओं से
- भ्रमपूर्ण रूढ़िवादी विचारणा से
- प्राचीन सांस्कृतिक परम्पराओं से
उत्तर – 3
प्रश्न. विश्व के परिवारवत् लगने का प्रमुख कारण है?
- यातायात एवं संचार साधनों का विकास
- विज्ञान की गतिशील शक्तियाँ
- विज्ञान की जीवन से घनिष्ठता
- विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास
उत्तर – 1
प्रश्न. ‘हस्तामलक’ शब्द से अभिप्रेत है –
- अस्पष्ट परन्तु सायास बोधगम्य
- पास में रखे आँवले की तरह
- हाथी के लिए आँवले की तरह
- स्पष्ट और अनायास बोधगम्य
उत्तर – 4
प्रश्न. ‘वैज्ञानिक चिन्तन’ पदबंध से आशय है
- परम्परागत चिन्तन
- भावात्मक चिन्तन
- वैज्ञानिकों द्वारा किया गया चिन्तन
- स्वस्थ एवं सन्तुलित चिन्तन
उत्तर – ? इस प्रश्न का उत्तर कमेंट में दे।
4 is right 👍